जल्‍दी से धनवान होने का मंत्र, ऐसे करें जाप और पूरे होंगे आपके सारे काम

धनवान होने के लिए कड़े परिश्रम, लगन और आत्‍मविश्‍वास की आवश्‍यकता होती है । आत्‍मतविश्‍वास की प्राप्ति होती है प्रभु भक्ति से । इसी आत्‍मविश्‍वास को सबल बनाए रखने के लिए जानिए एक मंत्र और पाइए सफलता की हर मंजिल को ।

New Delhi, May 31 : हिंदू धर्म शास्‍त्रों में जीवन के हर सुख – दुख से ईश्‍वर को जोड़ा गया है । कुछ समस्‍याएं चल रही हैं तो उसके लिए भी उपाय हैं और जब सुख का समय हो, खुशियों को दुगना करना हो तो उसके लिए हवन पूजन के माध्‍यम से कुछ और उपाय बताए गए हैं । इसी प्रकार व्‍यक्ति यदि खराब आर्थिक हालातों से गुजर रहा है तो उसे लिए कुछ विशेष , उपाय मंत्र आदि बताए गए हैं । सिर्फ इन मंत्रों और उपायों से कुछ नहीं होता, इसके साथ आपको मेहनत और लगन भी रखनी होगी । ये मंत्र आपको निश्‍चय ही हर कार्य को पूरा करने में सहायक हो सकते हैं ।

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शुक्रवार को करें मां वैभव लक्ष्‍मी का व्रत
शुक्रवार का दिन मां वैभव लक्ष्‍मी की आराधना का दिन है । इस दिन से आप मंत्र का ध्‍यान और मां वैभव लक्ष्‍मी की आराधना प्रारंभ कर सकते हैं । इस दिन सुबह स्‍नान करें, स्‍वच्‍छ वस्‍त्र धारण करें । इसके बाद पूरे दिन उपवास करें । इस उपवास में आप फल आदि ग्रहण कर सकते हैं । वैभव लक्ष्‍मी के व्रत नमक वर्जित है । आप इस दिन नमक से परहेज करें साथ दिन भर अच्‍छे मन से उपवास करें ।

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इस प्रकार करें पूजा
वैभव लक्ष्‍मी की पूजा संध्‍या काल में की जाती है । इसके लिए आपको संध्‍या काल में स्‍नान करना होगा । उसके बाद मां लक्ष्‍मी मूर्ति या चित्र के समक्ष बैठकर पूजा -अर्चना करें । पूजा के दौरान आप वैभव लक्ष्‍मी का ध्‍यान कर उन्‍हें लाल पुष्‍प, लाल चंदन, खुशबू और लाल – लाल वस्‍त्र समर्पित करें । मां को खीर का भेग बेहद पसंद है, प्रसाद में आप खीर बनाएं ।

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मंत्र का जाप
पूजा अर्चना और सब अर्पित करने के बाद माता का ध्‍यान करें और इस मंत्र का जाप करें । प्रेमपूर्वक, अच्‍छे मन से इंस मंत्र के जाप से आपकी मनोकामना शीघ्र पूर्ण होगी और इच्छि त वर की व्राप्ति होगी । वैभव लक्ष्‍मी का मंत्र या श्‍लोक इस प्रकार है … या रक्ताम्बुजवासिनी विलासिनी चण्डांशु तेजस्विनी। या रक्ता रुधिराम्बरा हरिसखी या श्री मनोल्हादिनी॥ या रत्नाकरमन्थनात्प्रगटिता विष्णोस्वया गेहिनी। सा मां पातु मनोरमा भगवती लक्ष्मीश्च पद्मावती ॥

कथा भी जरूर सुनें
इस मंत्र के जाप के बाद आप वैभव लक्ष्मी व्रत की कथा पढ़ें या फिर सुनें । इसकी किताब बाजार में आसानी से उपलब्‍ध है । पूजा के समय कोई और व्‍यवधान पैदा ना हो इसका ध्‍यान रखें । शांत वातावरण में मन को एकाग्र कर ही पूजा, कथा का आरंभ करें । मां लक्ष्‍मी का ध्‍यान आपको आत्‍मविश्‍वास से भर देगा । धन प्राप्ति की ओर आपके द्वारा किए गए प्रयास जरूर फलदायी होंगे ।

कितने समय तक रखें व्रत
आप चाहें तो आजीवन इस व्रत का पालन कर सकते हैं । लेकिन आप संकल्‍प कर सात, ग्यारह या इक्कीस, या फिर जितने भी शुक्रवारों के व्रत की मन्‍नत मांगी हो उतने शुक्रवार तक ये व्रत जरूर रखें । पूरी श्रद्धा और भक्ति भावना के साथ व्रत के नियमों का पालन करें ।
कैसे करें उद्यापन – संकल्‍प लिए हुए शुक्रवार पूरे होने से पहले यानी आखिरी शुक्रवार को आप इस व्रत का विधि – विधान से उद्यापन करें । सात कन्‍याओं या सुहागिन स्त्रियों को खीर का प्रसाद और वैभव लक्ष्‍मी व्रत की कथा उपहार में दें ।