कानपुर की इस लड़की ने 3 हजार रुपये से शुरु किया था कारोबार, आज करोड़ों की कंपनी की हैं मालकिन
अपनी तरक्की और बिजनेस के सफर के बारे में मुस्कुराते हुए प्रेरणा ने बताया कि जब मैंने इस काम की शुरुआत की थी, तो मुझे खुद भी इस बात का अंदाजा नहीं था, कि मेरा बिजनेस इतना सफल हो जाएगा।
New Delhi, May 31 : 12 साल पहले अपनी जमा पूंजी के 3 हजार रुपये से लेदर इंडस्ट्री में कदम रखने वाली प्रेरणा वर्मा आज करोड़ों के टर्नओवर वाली एक्सपोर्ट हाउस की मालकिन हैं, कभी एक छोटे से कमरे में उन्होने लेदर के फीते बनाने का काम शुरु किया था, आज उनकी कंपनी में बने प्रोडक्ट की मांग दुनिया के 25 देशों में है। कानपुर जिला मुख्यालय से करीब 25 किमी दूर कौशलपुरी गुमटी के पास रहने वाली प्रेरणा (35 साल) करोड़ों युवाओं, महिलाओं और पुरुषों के लिये प्रेरणा है, उन्होने तीन हजार से शुरु किये काम को करोड़ों की कंपनी तक पहुंचा दिया।
खुद नहीं हो रहा यकीन
अपनी तरक्की और बिजनेस के सफर के बारे में मुस्कुराते हुए प्रेरणा ने बताया कि जब मैंने इस काम की शुरुआत की थी, तो मुझे खुद भी इस बात का अंदाजा नहीं था, कि मेरा बिजनेस इतना सफल हो जाएगा, मैं तो बस मेहनत करती गई और सफर आगे बढता चला गया। आज हमारी कंपनी द्वारा तैयार किया गया प्रोडक्ट 20 से 25 देशों में बिक रहा है।
महिला अकेले बिजनेस खड़ी नहीं कर सकती
प्रेरणा वर्मा ने आगे बताते हुए कहा कि जब उन्होने अपने घर से काम की शुरुआत की थी, तो शुरुआती दौर में उन्हें इस बात की चिंता होती थी, कि उनका मोबाइल खर्च, स्कूटी के पेट्रोल का खर्चा निकल आए, कम से कम इतनी इनकम हो। सब ने शुरुआत में मेरा मजाक बनाया था, लोग कहते थे कि ये बिजनेस करेंगी, क्योंकि आज भी हमारा समाज ये स्वीकार करने में संकोच करता है, कि कोई लड़की या महिला भी अकेले बिजनेस खड़ी कर सकती है।
आर्थिक तंगी में बीता बचपन
एक साधारण परिवार में पैदा हुई प्रेरणा वर्मा के घर में उनकी मां और छोटा भाई है, घर में पैसे की तंगी हमेशा से रही, इसी वजह से उन्होने 12वीं पास करने के बाद ही नौकरी करने लगी, ताकि घर खर्च में कुछ हाथ बंटा पाए। हालांकि उन्होने कभी उम्मीद नहीं की थी, कि वो इतनी बड़ी बिजनेस की मालकिन हो जाएगी। उन्होने कहा कि वो बस इतना कमाना चाहती थी, कि उनकी जरुरतें पूरी हो जाए।
पार्टनरशिप में शुरु किया बिजनेस
साल 2004 में किसी के साथ प्रेरणा ने पार्टनरशिप में लेदर की डोरी का बिजनेस शुरु किया, उन्होने एक कमरे से ये बिजनेस शुरु किया था, हालांकि आपसी तालमेल ना होने की वजह से ये पार्टनरशिप ज्यादा लंबे समय तक नहीं चल सकी, जब उनका पार्टनर उन्हें छोड़ रहा था, तो उसने उन्हें चुनौती दी, कि वो क्या बिजनेस कर पाएगी, उन्हें बिजनेस के बारे में कुछ पता ही नहीं है। बस यही बात उन्हें चुभ गयी।
चुनौती स्वीकार किया
प्रेरणा वर्मा ने कहा कि मुझे लगा कि नौकरी करके कुछ हजार रुपये तो मैं कभी भी कमा सकती हूं, क्यों ना इस चुनौती को स्वीकार करूं और मैं भी बिजनेस में आ जाऊं। सफलता या असफलता तो लगी ही रहती है, कुछ महीने मैंने तो इसी कशमकश में निकाल दिये। फिर साल 2005 में घर के एक कमरे में छोटा सा ऑफिस बनाया, और काम की शुरुआत कर दी। फिर अगले साल 2006 में क्रिएटिव इंडिया नाम से कंपनी रजिस्ट्रर्ड करवाया, आज एक कमरे की कंपनी फैक्ट्री में तब्दील हो चुकी है।
नहीं थे पैसे
इस युवा उद्ययमी के पास कारोबार शुरु करने के लिये मोटी जमा पूंजी नहीं थी, तब उन्होने मात्र तीन हजार रुपये से बिजनेस करने की ठान ली थी, हालांकि प्रेरणा के मुताबिक उन्हें असफल होने का बिल्कुल भी डर नहीं था, उतार-चढाव का दौर चलता रहता है। आज उनकी कंपनी में पचास से ज्यादा लोग रोजगार पा रहे हैं, उनके यहां लेदर की डोरी, कॉटन की डोरी, लेदर बैग्स जैसी तमाम चीजें बनाई जाती है।