5 करोड़ की कंपनी के मालिक, बीच में छोड़ी थी पढाई, सिर्फ 5 हजार से शुरु किया था बिजनेस

एक सामान्य लड़के से मशहूर कंप्यूटर एक्सपर्ट और हैकर बनने और कंपनी बनाने वाले शशांक की कहानी भी दिलचस्प है। सिर्फ 13 साल की उम्र में ही शशांक की दोस्ती कंप्यूटर से हो गई थी।

New Delhi, Jun 04 : बिल गेट्स, स्टीव जॉब्स और मार्क जुकरबर्ग ये वो तीन शख्सियतें हैं, जो किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं, शायद ही कोई देश होगा, जहां इनके नाम की चर्चा ना होती हो। इन तीनों की कंपनियों के प्रोडक्ट और अविष्कार दुनिया के कोने-कोने में पहुंच रहे हैं। इन तीनों की सफलता की कहना बेमिसाल है। तीनों में एक बात और भी कॉमन है, कि तीनों कॉलेज ड्रॉपआउट हैं, यानी इन तीनों ने ही पढाई बीच में ही छोड़ दी, और अपने सपनों को साकार करने के लिये पूरी ताकत से जुट गये। आज हम आपके एक ऐसे ही कॉलेज ड्रॉप आउट युवा की कहानी बताएंगे, जिसने 5000 से 5 करोड़ रुपये तक का सफर तय किया है।

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कौन है ये युवा शख्स ?
मध्य प्रदेश के इंदौर के रहने वाले युवा शशांक चौरे ने पांच हजार रुपये से पांच करोड़ तक का सफर तय किया है, उन्होने कामयाबी की अनोखी कहानी है, shashank-chourey-hacker5सामान्य मध्यम वर्गीय परिवार में पैदा हुए शशांक ने अपनी प्रतिभा के बल पर अपने सपनों को साकार करने का जोखिम उठाया, राह मुश्किल थी, लेकिन उनके हौंसले बुलंद थे, वो कामयाब होते गये और दुनिया भर में अपनी अलग पहचान बना ली।

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दिलचस्प है कहानी
एक सामान्य लड़के से मशहूर कंप्यूटर एक्सपर्ट और हैकर बनने के शशांक की कहानी भी दिलचस्प है। सिर्फ 13 साल की उम्र में ही शशांक की दोस्ती कंप्यूटर से हुई। shashank-chourey-hacker-1दोस्ती भी ऐसी हुई, कि जिंदगी भर का साथ हो गया। कंप्यूटर से शशांक की दिलचस्पी देख उनके माता-पिता भी हैरान थे, बचपन में ही शशांक चौरे को कोडिंग का चस्का लगा, उन्होने हैकिंग के बारे में सीखना शुरु किया, तब उन्हें एक ई-मेल अकाउंट को हैक करने के 50 डॉलर मिलते थे।

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वायरस एक्सपर्ट
इसी दौरान शशांक चौरे ने कंप्यूटरों के वायरस के बारे में जानना और समझना शुरु कर दिया। दिन-रात मेहनत करने के बाद उन्होने वायरस को ढूंढने, पहचानने और दूर करने के एक्सपर्ट बन गये। शशांक की प्रतिभा जान इंदौर पुलिस ने भी उनसे सेवाएं ली, shashank-chourey-hacker3करीब दो साल तक उन्होने इंदौर पुलिस के लिये बतौर साइबर सिक्योरिटी कंसल्टेंट काम किया।

इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला
इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन लेने के बाद भी शशांक ने एथिकल हैंकिग का काम जारी रखा। कॉलेज में पढाई-लिखाई के दौरान उनमें कई बदलाव आये, धीरे-धीरे पढाई लिखाई से उनकी दिलचस्पी खत्म होने लगी, shashank-chourey-hackerजिसके बाद उन्होने ठान लिया, कि वो कंप्यूटर एक्सपर्ट के रुप में लोगों को अपनी सेवाएं देंगे और उन्होने बीच में ही पढाई छोड़ दी। पढाई छोड़ कर उन्होने इंदौर की सबसे जानी-मानी कंपनी के कर्ता-धर्ताओं को प्रभावित करने की सोची, उन्होने उस नामचीन सॉफ्टवेयर कंपनी में वेब सिक्योरिटी कंसल्टेंट के रुप में जगह पाने में कामयाबी हासिल कर ली।

नहीं करेंगे नौकरी
करीब डेढ साल इस कंपनी में नौकरी करने के दौरान उन्होने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया, इस दौरान उन्हें तीन बार तरक्की भी मिली, rupees11लेकिन एक दूसरी बड़ी कंपनी ने ज्यादा सैलरी की पेशकश की, तो शशांक ने ये नौकरी छोड़ दी, फिर नई कंपनी में करीब 45 दिन उन्होने काम किया, तभी अचानक उन्होने तय किया कि वो किसी कंपनी में तनख्वाह पर नौकरी नहीं करेंगे। बल्कि खुद की कंपनी शुरु करेंगे।

फिर अपनी कंपनी खोली
अक्टूबर 2009 में शशांक ने एक छोटी सी टीम के साथ इंडिया इंफोटेक नाम के एक कंपनी रजिस्टर्ड की, उन्होने अपनी कंपनी के जरिये सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन सर्विस यानी एसईओ उपलब्ध कराना शुरु किया। Indore1इस सर्विस की वजह से उन्हें दुनिया भर में क्लाइंट मिलने गये। देखते ही देखते उनकी पांच हजार रुपये की कंपनी पांच करोड़ की कंपनी में तब्दील हो गई।