कबाड़ चुनने वाला ये शख्स जेब में लिये घूमता था लाखों रुपये, फिर हुआ कुछ ऐसा कि पुलिस भी है ‘सन्न’

धनबाद में जहां-तहां कचरा, कबाड़ चुनने वाले इस शख्स को देखकर यकीन कर पाना मुश्किल था, कि ये आदमी हर समय अपनी जेब में सवा तीन लाख रुपये कैश लेकर घूमता है।

New Delhi, Jun 07 : मैले फटे पुराने कपड़े, गले से लकटता गंदा गमछा और पीठ पर बोरा, धनबाद में जहां-तहां कचरा, कबाड़ चुनने वाले इस शख्स को देखकर यकीन कर पाना मुश्किल था, कि ये आदमी हर समय अपनी जेब में सवा तीन लाख रुपये कैश लेकर घूमता है। सोते-जागते भी रुपये वो अपनी जेब में ही रखता था, उसे डर लगता था कि उसका पैसा कोई चुरा ना लें। रंजन साहा नाम के इस शख्स का डर सोमवार सुबह सही साबित हो गया।

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6 बदमाशों में छिने पैसे
बताया जा रहा है कि सोमवार सुबह 6 बदमाशों ने इसे बुरी तरह पीटा और उसकी जेब में रखे पैसे छिन लिये। जिसके बाद रंजन भागा-भागा पुलिस थाने पहुंचा, जहां पर उसने पुलिस को शिकायत दी कि 6 लोगों ने उसकी पिटाई कर उसके पैसे छिन लिये । एक बारगी तो रंजन की हालत देख पुलिस को यकीन नहीं हुआ, कि उसके पास इतनी बड़ी रकम हो सकती है। फिर भी पुलिस ने माडा कॉलोनी, हीरापुर और बरमसिया जाकर बदमाशों को ढूंढने की कोशिश की, लेकिन कोई नहीं मिला।

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किसी पर खर्च नही करता था रुपये
आपको बता दें कि 45 वर्षीय रंजन साहा मूल रुप से बिहार के आरा के रहने वाले हैं, वो धनबाद के विनोदनगर स्थित बटखरा ऑफिस के पास झोपड़ी बनाकर रहते हैं, rupees new currency1पिछले 25 साल से वो गली-गली घूमकर कचरे के ढेर से लोहा-लक्कड़, प्लास्टिक और कबाड़ चुनते है, जिन्हें बेचने पर उन्हें कुछ पैसे मिल जाते हैं। पिछले 25 सालों में उन्होने एक-एक पैसे जोड़कर सवा तीन लाख रुपये जमा किया थे। कहा जाता है कि वो पैसे किसी पर भी खर्च नहीं करते थे। पत्नी और बच्चों को भी एक पैसे नहीं देते थे।

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पैसे जमा करने का नशा
रंजन साहा को जानने वाले लोगों को कहना है कि उन्हें पैसे जमा करने का नशा हो गया था, वो ना तो एक पैसे खुद पर खर्च करते थे और ना ही किसी को देते थे। जब पत्नी और बच्चों को वो पैसे नहीं देते थे, तो इसी वजह से पत्नी और बच्चे उन्हें छोड़ कहीं और कमाने चले गये। रुपये चोरी ना हो जाए, इस वजह से रंजन हमेशा अपनी जमा पूंजी को अपने साथ जेब में भी रखते थे।

पहले की पिटाई, फिर लूट
रंजन साहा ने पुलिस को बताया कि सुबह 6 लड़के बिनोदनगर स्थित बटखरा ऑफिस के पास उनकी झोपड़ी में आए थे, झाड़ी कटवाने के नाम पर उन्हें माडा कॉलोनी ले गये, तब पैसे उनके पास ही थे। फिर सुनसान जगह देखकर उन लड़कों ने उनकी पिटाई शुरु कर दी। Rupeesलेकिन फिर भी वो अपनी जेब नहीं छोड़ रहे थे, तो उसमें से किसी लड़के ने उनके चेहरे पर मिर्च पावडर डाल दिया और जेब से पैसे निकालकर भाग गये। रंजन देर शाम तक पुलिस थाने में गुमसुम बैठा रहा, पूछने पर बताया कि बदमाशों से किसी तरह वो 25 हजार रुपये बचा लिये, लेकिन तीन लाख रुपये बदमाश ले भागे।

किसी को पता ना चले, इसलिये बैंक में नहीं रखे पैसे
रंजन ये रुपये बैंक में भी रख सकता था, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। पूछने पर उसने बताया कि उसका बैंक में खाता भी नहीं है। असल में वो नहीं चाहता था कि bankउसके पास इतने रुपये हैं, इस बात की जानकारी किसी और को हो। वो कई-कई दिनों तक सिर्फ इसलिये नहीं नहाता था, क्योंकि नहाने के लिये उसे कपड़े खोलकर रखने होंगे, ऐसे में उसके पैसे कोई ले लेगा। वो काफी दिनों के अंतराल में कहीं सुनसान जगह पर या फिर जब अकेले रहता था तो नहाता था।

डेढ लाख रुपयों के साथ पकड़ाया था
अभी दो-तीन महीने पहले धनबाद पुलिस गश्त कर रही थी, उसी दौरान रंजन साहा की स्थिति पुलिस को कुछ संदिग्ध लगी, rupees11जिसके बाद पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर उसकी तलाशी ली, तो उसके पास से करीब 1.5 लाख रुपये कैश मिले थे। जब पुलिस ने मामले की छानबीन की, तो पता चला कि आसनसोल के किसी कबाड़ी वाले ने उसे पैसे दिये थे, वो कबाड़ी चुन-चुन कर उसे पहुंचाता था।