एक दिन में दो-दो प्रोपेगैंडे

गहलोत के वीडियो से आगे-पीछे का हिस्सा काट कर वायरल कर दिया और जनसंघ का बयान गहलोत का बयान नज़र आने लगा।

New Delhi, Jun 07 : पहला यह कि अशोक गहलोत पानी में से बिजली निकाल कर पानी को बेकार बना देने की बात कहते हैं। जबकि संघ/भाजपा के अवैज्ञानिक सोच की परम्परा बताने को गहलोत ने जनसंघ के नेहरूकालीन दुष्प्रचार हवाला दिया था। गहलोत के वीडियो से आगे-पीछे का हिस्सा काट कर वायरल कर दिया और जनसंघ का बयान गहलोत का बयान नज़र आने लगा।

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हालाँकि गहलोत ने अगले ही रोज़ पूरा वीडियो जारी कर झूठ के प्रचार की परत उघाड़ दी। दूसरा प्रोपेगैंडा: प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा भाजपा में शामिल हो रही हैं, वे भाजपा के टिकट पर प. बंगाल से चुनाव लड़ेंगी। इसका खंडन भी पहले कांग्रेस नेताओं ने और फिर शर्मिष्ठा ने ख़ुद कर दिया।

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लेकिन नियोजित प्रचार अभियान में रातोंरात जहाँ बेतहाशा झूठ परोसा गया, क्या वहाँ हर कोई खंडन को भी पढ़ या देख पाता होगा? शायद नहीं। और यही उस झूठ के गठन और प्रचार का निशाना है, जो बग़ैर पाँवों के सही, भोले-अजाने लोगों के गिर्द हवा में मँडराता रहता है।

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मज़ा देखिए कि झूठ फैलाने वाले चुनाव में इसका फ़ायदा मिलने की आस भी रखते हैं। कौन जाने मिलता भी हो!
अगली बार, फिर झूठी सरकार?

(वरिष्ठ पत्रकार ओम थानवी के फेसबुक वॉल से साभार, ये लेखक के निजी विचार हैं)