एक्टिंग छोड़ ढाबे पर काम करने लगा था ये एक्टर, इस फिल्ममेकर ने बदल दी जिंदगी

बॉलीवुड एक्टर ने इंटरव्यू में कहा कि पिछले कुछ सालों में सपोर्टिंग एक्टर्स की फीस में बढोत्तरी जरुर हुई है, लेकिन अब भी जितनी फीस की मांग हम करते हैं, उतनी हमें नहीं मिलती।

New Delhi, Jun 08 : बॉलीवुड एक्टर संजय मिश्रा किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं, उन्होने कई फिल्मों में अपने दमदार अभिनय से लोगों को खूब हंसाया और गुदगुदाया है। करीब दो दशक से फिल्म इंडस्ट्री में काम कर रहे संजय मिश्रा ने हाल ही में एक इंटरव्यू में अपना दर्द बयां किया है, उन्होने कहा कि पिछले बीस साल से वो बॉलीवुड में काम कर रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद वो किराये के घर में रहने को मजबूर हैं, क्योंकि उनके पास अपना घर खरीदने के लिये पैसे नहीं हैं।

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कम पैसे मिलते हैं
बॉलीवुड एक्टर ने इंटरव्यू में कहा कि पिछले कुछ सालों में सपोर्टिंग एक्टर्स की फीस में बढोत्तरी जरुर हुई है, लेकिन अब भी जितनी फीस की मांग हम करते हैं, उतनी हमें नहीं मिलती। इसके पीछे एक वजह मेरा एटिट्यूड भी हैं। दरअसल मैं फिल्म मेकर्स से पहले ही कह देता हूं कि पहले लीड एक्टर्स का काम दिखाओ, उसके बाद ही आपके साथ काम करुंगा।

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लीड रोल और सपोर्टिग रोल में फर्क
संजय मिश्रा के अनुसार जब आप लीड रोल में होते हैं, तो फिल्म मेकर्स आप पर पैसा इन्वेस्ट करते हैं। प्रोडक्शन टीम भी आपके साथ अलग तरीके से व्यवहार करती हैं। वही जब आप सपोर्टिंग किरदारों में होते हैं, तो आपसे कहा जाता है कि आपकी वजह से फिल्म बिक नहीं रही है, ज्यादा बड़ी वजह हीरो है। यही फर्क होता है कि एक लीड एक्टर और सपोर्टिंग कैरेक्टर में।

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ढाबे पर काम करने चले गये थे
कम ही लोगों को पता है कि एनएसडी से ग्रेजुएशन करने के बाद संजय मिश्रा की लाइफ में एक समय ऐसा भी आया, कि उन्होने एक्टिंग को अलविदा कह छोटे से ढाबे पर नौकरी शुरु कर दी थी। बताया जाता है कि जब संजय के पिता का निधन हुआ, तो वो एक्टिंग छोड़ ऋषिकेश चले गये थे, वहीं पर उन्होने छोटे से ढाबे में काम करने लगे। इसके पीछे की बड़ी वजह थी उन्हें सफलता नहीं मिलना, जिसके वो हकदार थे।

लंबे समय तक ढाबे में बनाया खाना
100 से ज्यादा फिलमों में काम करने वाले संजय मिश्रा को ढाबे पर किसी ने पहचाना भी नहीं, उनके दिन ढाबे पर बीत रहे थे, वो वहां पर कुक से लेकर दूसरे काम भी करते थे। लेकिन फिर उनके जीवन में एक टर्निंग प्वाइंट आया, जिसके बाद से वो लगातार आगे बढते जा रहे हैं, वो एक के बाद एक बड़ी फिल्मों में काम कर रहे हैं, उनके एक्टिंग को लोग पसंद कर रहे हैं।

रोहित शेट्टी ने दोबारा दिया काम
अगर फिल्ममेकर रोहित शेट्टी ना होते, तो शायद संजय अपनी आगे की जिंदगी उसी ढाबे पर निकाल देते। रोहित और संजय फिल्म गोलमाल में काम कर चुखे थे, वो अपनी अगली फिल्म ऑल द बेस्ट पर काम कर रहे थे। उसी दौरान उन्हें संजय मिश्रा का ख्याल आया, लेकिन संजय वापस फिल्मों में लौटने को तैयार नहीं थे, फिर रोहित ने उन्हें मनाया और फिल्म में साइन किया, ऑल द बेस्ट के बाद फिर संजय मिश्रा ने कभी पलटकर नहीं देखा।

फिल्मी करियर की शुरुआत और संघर्ष
साल 1991 में संजय मिश्रा मुंबई आ गये थे, 9 साल स्ट्रगल करने के बाद उन्हें पहला ब्रेक मिला। चाणक्य सीरियल में शूट करते हुए पहले दिन उन्होने 28 बार रिटेक दिया, बाद में उन्हें दोस्त तिग्मांशु धूलिया ने सीरियरल हम बंबई नहीं जाएंगे, में आर्ट डायरेक्टर के तौर पर काम दिया। अब वर्क फ्रंट की बात करें, तो संजय की जल्द ही फिल्म मंगल हो और टोटल धमाल रिलीज होने वाली है।