बड़े-बड़े डिग्रीधारी भी जो नहीं कर सके, वो दसवीं फेल इस शख्स ने किया, कलाम ने भी किया था सम्मान

रामशरण वर्मा दसवीं फेल हैं, शिक्षा कम होने के बावजूद उन्होने जो कर दिखाया, वो बड़े-बड़े डिग्रीधारी भी नहीं कर पाते हैं।

New Delhi, Jun 14 : आपने अक्सर सुना और पढा होगा, कि जिसके भीतर कुछ पाने का जुनून हो, तो फिर उसे कोई नहीं रोक सकता, वो शख्स जो हासिल करना चाहता है, उसे पाकर ही दम लेता है। कुछ ऐसा ही देखने को मिला, यूपी के बाराबंकी जिले में, यहां रहने वाले रामशरण वर्मा दसवीं फेल हैं, शिक्षा कम होने के बावजूद उन्होने जो कर दिखाया, वो बड़े-बड़े डिग्रीधारी भी नहीं कर पाते हैं। हाई स्कूल फेल रामशरण आज करोड़पति हैं।

Advertisement

लोग आते हैं टिप्स लेने
रामशरण वर्मा ने हाई स्कूल में फेल होने के बावजूद अपने काम पर फोकस किया, जिससे उन्हें खूब सफलता मिसा, उनकी सफलता का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं, कि आज वो इसी काम से लाखों रुपये हर साल कमाते हैं, साथ ही दूसरे जिले के लोग भी उनसे खेती के टिप्स लेने के लिये उनके पास आते हैं।

Advertisement

कैसे करते हैं खेती ?
यूपी के बाराबंकी जिले के दौलतपुर गांव में एक गरीब किसान परिवार में पैदा हुए रामशरण वर्मा टिशूकल्चर पद्धति से केले की खेती करते हैं। साल 1986 में उन्होने 6 एकड़ जमीन से इस खेती की शुरुआत की थी, जिसके बाद उनका दायरा बढता गया और आज की तारीख में वो करीब डेढ सौ एकड़ में इसी पद्धति से खेती करते हैं।

Advertisement

केले के पैदावर में नंबर वन
आपको बता दें कि केले की पैदावार में रामशरण वर्मा पूरे जिले में सबसे आगे निकल चुके हैं। अब उनके टक्कर का कोई किसान नहीं है, जो खेती कर सलाना लाखों रुपये कमाता हो। यही वजह है कि आस-पास के जिले के किसान उनसे टिप्स लेने के लिये आते हैं, ताकि वो भी अपने खेतों में वही पद्धति अपना सके।

कितनी होती है कमाई ?
रामशरण वर्मा के अनुसार एक एकड़ केले की फसल में ढाई से साढे तीन लाख रुपये तक का फायदा होता है, इसके अलावा वो अपने खेतों में टमाटर और आलू की भी खेती करवाते हैं। उनके अनुसार टमाटर और आलू की पैदावार भी अच्छी होती है, अगर भाव अच्छा मिले, तो इसमें भी अच्छी खासी कमाई हो जाती है।

मिल चुके हैं पुरस्कार
आपको बता दें कि किसान रामशरण वर्मा के ये मेहनत का नतीजा है कि उन्हें साल 2007 और 2010 में राष्ट्रीय कृषि पुरस्कार से नवाजा जा चुका है। इसके साथ ही साल 2014 में उन्हें बागवानी के लिये राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। उन्हें अब तक कई प्रदेशों के मुख्यमंत्री और राज्यपाल भी सम्मानित कर चुके हैं।

मेहनत सबसे जरुरी
अपनी सफलता के बारे में बताते हुए रामशरण वर्मा ने कहा कि खेती में अगर सफलता पानी है, तो फिर मेहनत सबसे जरुरी है। इसके बिना आप इस काम में आगे नहीं बढ सकते, इसके साथ ही अगर आप तकनीक का सहारा लेंगे, तो फिर खेती घाटे का सौदा नहीं रहेगा। रामशरण वर्मा से प्रदेश के कई जिलों के किसान उनके फार्म हाउस पर आकर उनसे खेती की तकनीक सीखते हैं।