‘जब भी किसी बेटे को बाप से दोस्ताना वाला रिश्ता देखता हूँ तो सहानुभूति होती है उस लड़के से’

इससे अच्छी परवरिश कुछ नही जहां बाप ने आपको खुद से बहस करने का मौका दिया था। यही है आज़ादी।

New Delhi, Jun 17 : भाग्यशाली हैं वे बेटे जिन्होंने अपनी जिंदगी में अपने “बाप” से बड़ा आदमी नही देखा।
बाप से बड़ी कोई ताकतवर सत्ता नही।
और अभागा है वो बेटा जिसने इस सत्ता को चुनौती न दी हो तो।
जिसने अपनी जिंदगी में ये नही किया वो ख़ाक किसी सत्ता को चुनौती देगा।
जब आप अपने जीवन के इस सर्वोच्च शिखर को बार बार चुनौती देते हैं, गिरते हैं, चोटिल होते हैं, फिर उठते हैं तो फिर लगता है कि अब जिंदगी में कोई भी ऊंचाई इतनी ऊँची नही जिसपे चढ़ न पाउँगा।

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ये बाप ही है जो खुद हार कर आपके अंदर एक सिकन्दर बिठा देता है, और फिर यही सिकन्दर ताउम्र अपके साथ रहता है और आपको भरोसा देता है कि, कहीं किसी भी लड़ाई को जब भी लड़ोगे, हारोगे नही।
मैं जब भी किसी ताकतवर को देखता हूँ तो सोचता हूँ, सक जाऊंगा %%$$$@@ से, क्योंकि कुछ हो, ये मेरे बाप से बड़ा आदमी नही।
बाप हारता नही, बार बार हार कर आपको जीतने का अभ्यास कराता है। यही अभ्यास आपको हर लड़ाई बड़ी हिम्मत से लड़वाता है।
इससे अच्छी परवरिश कुछ नही जहां बाप ने आपको खुद से बहस करने का मौका दिया था। यही है आज़ादी। एक बाप इससे बेहतर आपको कुछ नही दे सकता।

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मैं जब भी किसी बेटे को बाप से दोस्ताना वाला रिश्ता देखता हूँ तो सहानुभूति होती है उस लड़के से। ऐसे लड़के चाहे कुछ कर लें, ये लड़ नही सकते किसी से, ये विद्रोह नही कर सकते, ये किसी सत्ता को चुनौती नही देंगे। जिसे बचपन से ही उठा पटक करने को बाप ने अखाड़ा न दिया हो, वो क्या पटकेगा किसी को?
बहुत डब्बू और झब्बू टाइप लगते हैं वे बच्चे मुझे जिन बच्चों पर बाप नाज़ करते हैं।
जिंदगी में कुछ करने का मजा तब ही है जब आपके बाप कहें “इ &&&***## कुत्ता से कुछ नही हो पायेगा”
ये सुन के जो कुछ करने का मजा है, असल में वो पिता के द्वारा ही दिया आपको मौका है जिसमें आप उसी पिता के दिए सिकन्दर का कॉलर खड़ा रख सकें।
बाप बेटा का रिश्ता मने लोकसभा में पक्ष और विपक्ष का….(स्वस्थ वाला, आज के लुक्कड़ वाला नही)

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और सुनिये हाँ,
भाग्यशाली है वो बेटी जिसके बाप के साथ दोस्ताना रिश्ते हैं। ऐसी बेटियों के लिए दुनिया खुला आसमान है। पिता के कंधे पे घूम रही बच्चियों के लिए देहरी, चौखट और जंजीर नही होता जीवन में। पिता के संग हँसी ठिठोली कर रहीं, उसके गाल नोच रही, उसकी छाती पे कूद रही बेटियां दुनिया की सबसे आज़ाद बेटियां हैं। हैप्पी फादर्स डे।
हालाँकि हमलोगों को डैडी, फादर नही होते, बाप होते हैं।
“बाप” बोले तो “एकदम खांटी बाप” । जय हो।

(नीलोत्पल मृणाल के फेसबुक वॉल से साभार, ये लेखक के निजी विचार हैं)