फोरेंसिक रिपोर्ट में कई सन्न करने वाले खुलासे, भय्यू महाराज ने सोच-समझकर ली थी अपनी जान

आत्महत्या वाले दिन भय्यू महाराज ने अपनी पत्नी से मनपसंद कटहल की सब्जी बनाने को कहा था, साथ ही उन्होने डॉ. आयुषी को अपने हाथों से पसंद की साड़ी दी थी।

New Delhi, Jun 20 : भय्यू जी महाराज आत्महत्या मामले में आठवें दिन मंगलवार को फोरेंसिक टीम ने पुलिस को रिपोर्ट सौंप दी है, इसके अनुसार भय्यू महाराज ने क्षणिक आवेश यानी एकदम गुस्से में आकर आत्महत्या नहीं की थी, उन्होने पहले 15-20 मिनट तक इस पर विचार किया, फिर खुद को गोली मारी। फोरेंसिक एक्सपर्ट के अनुसार सुसाइड के एक लाख मामलों में से एकाध मामला ही इस तरह का होता है।

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पुलिस ने दी जानकारी
डीआईजी हरिनारायणचारी मिश्र ने कहा कि फोरेंसिक रिपोर्ट फिलहाल उन्हें नहीं मिली है, लेकिन जांच में जुटे अधिकारियों ने जो बिंदु बताये है, उससे स्पष्ट है, कि ये ठंडे दिमाग से की गई आत्महत्या ही है, ये क्षणिक आवेश में लिया गया फैसला नहीं है। घटनास्थल की जांच में फोरेंसिक टीम 7 बिंदुओं को जोड़कर इस निष्कर्ष पर पहुंची है।

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पुलिस ने नहीं है क्लीन चिट
आपको बता दें कि पुलिस ने अभी तक इस मामले में किसी को भी क्लीन चिट नहीं दी है, परिवार के लोगों को अलावा सेवादारों और नौकरों से भी पूछताछ जारी है। मालूम हो कि भय्यू महाराज ने बीते 12 जून को इंदौर स्थित अपने घर में खुद को गोली मारकर खुदकुशी कर ली थी।

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पत्नी को हाथों से दी थी साड़ी
आत्महत्या वाले दिन भय्यू महाराज ने अपनी पत्नी से मनपसंद कटहल की सब्जी बनाने को कहा था, साथ ही उन्होने डॉ. आयुषी को अपने हाथों से पसंद की साड़ी दी थी, फिर कहा था तैयार होकर डिग्री लेने जाओ। सुबह दोनों ने एक साथ चाय भी पी थी, फिर एकाएक दोपहर में उन्होने अपनी लाइसेंसी रिवॉल्वर से गोली मार ली। भय्यू जी ने जब सुसाइड किया, तब उनकी पत्नी घर में नहीं थी।

छुपाकर ले गये थे रिवॉल्वर
रिपोर्ट के अनुसार भय्यू जी महाराज रिवॉल्वर छिपाकर ले गये थे, साथ ही उन्होने जिस कमरे में सुसाइड किया, उसके आस-पास नौकरों को नहीं रहने दिया, उन्होने नौकरों और सेवादारों को सीढियों पर भी बैठने नहीं दिया था, ताकि वो कहीं गोली की आवाज ना सुन लें। उन्हें गोली लगने के बाद सबसे पहले उनकी पत्नी ने देखा था। उन्होने ही नौकरों से दरवाजा तोड़ने को कहा था।

सुसाइड और सुसाइड नोट अलग-अलग कमरे में
जान देना और उससे पहले नोट अलग कमरे में लिखना। सुसाइड नोट को डायरी में लिखना और डायरी को तीन डायरियों के बीच में व्यवस्थित रखना, ऐसा वो लोग भी कर सकते हैं, जो जान देने से पहले पूरी तरह से तनावमुक्त रहते हैं। आमतौर पर आत्महत्या करने वाला व्यक्ति तुरंत फांसी लगा लेता है, या खुद को गोली मार लेता है, इसका मोबाइल फोन भी इधर-उधप पड़ा हो सकता है, सुसाइड नोट आस-पास ही मिलता है, लेकिन महाराज ने ऐसा कुछ भी नहीं किया।

खून के रिश्ते का जिक्र नहीं
सुसाइड करने वाला शख्स सुसाइड नोट में हमेशा अपने खून के रिश्ते या फिर बेहद करीबी लोगों का ही जिक्र करता है, लेकिन भय्यू जी ने ना तो बेटी कुहू और ना ही पत्नी आयुषी का जिक्र किया है, ना ही उन्होने अपनी मां के बारे में कुछ लिखा है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि वो पत्नी और बेटी दोनों से खफा थे, लेकिन मौत के बाद वो पत्नी और बेटी को पुलिस जांच की उलझन से भी बचाना चाहते थे।