आज नहीं बनी बात, तो शनिवार से परेशान हो सकते हैं दिल्ली मेट्रो के यात्री

दिल्ली मेट्रो : अगर 29 जून तक मेट्रो कर्मचारियों की मांगें नहीं मानी गई, तो वो 30 जून शनिवार से अनिश्चिकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।

New Delhi, Jun 29 : दिल्ली मेट्रो के 9 हजार कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर शनिवार से हड़ताल पर जाने की धमकी दी है। आपको बता दें कि अगर मेट्रो कर्मचारी हड़ताल पर गये, तो दिल्ली मेट्रो सेवा ठप्प हो सकती है। कर्मचारियों ने वेतन बढोत्तरी जैसी कई मांगे पूरी ना होने पर ये हड़ताल करने की धमकी दी है। इसके साथ ही प्रबंधन की ओर से गैर-कार्यपालक कर्मचारियों के साथ वेतन में भेदभाव और शोषण की बात कही गई है।

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सांकेतिक विरोध
मालूम हो कि डीएमआरसी के कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर 19 जून से ही हाथ पर काली पट्टी बांध कर सांकेतिक विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। जिनमें ट्रेन ऑपरेटर, स्टेशन कंट्रोलर, ऑपरेटिंग स्टाफ, मेंटनेंस स्टाफ और टेक्निशियन आदि शामिल हैं। ये सभी अपनी कुछ मांगों के लिये विरोध कर रहे हैं।

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शनिवार से हड़ताल
अगर 29 जून तक मेट्रो कर्मचारियों की मांगें नहीं मानी गई, तो वो 30 जून शनिवार से अनिश्चिकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। मामले में कर्मचारी परिषद का कहना है कि विरोध-प्रदर्शन के दौरान किसी भी घटना या यात्रियों की होने वाली असुविधा के लिये दिल्ली मेट्रो प्रबंधन परिषद जिम्मेदार होगा।

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एक ही ग्रेड पर पड़े हैं कर्मचारी
दिल्ली मेट्रो कर्मचारी यूनियन के महासचिव महावीर प्रसाद ने बताया कि कर्मचारी पिछले 10 साल से एक ही पे ग्रेड पर पड़े हुए हैं। जबकि पहले हर 5 साल में प्रमोशन होता था, उन्होने बताया कि मेट्रो प्रबंधन ने ये वादा किया था, कि 13,500-25,520 ग्रेड का 14,000-26950 ग्रेड के साथ विलय किया जाएगा, लेकिन ये अभी तक नहीं हुआ।

कामकाज बंद
मेट्रो यूनियन ने चेतावनी दी है कि अभी तक सांकेतिक विरोध प्रदर्शन की वजह से मेट्रो सेवा में किसी तरह की बाधा नहीं आई है, लेकिन 29 जून तक अगर मांगे नहीं पूरी की गई, तो 30 जून से पूरी तरह से कामकाज बंद हो जाएगा। इसलिये प्रबंधन इस पर जल्द से जल्द विचार करे, ताकि यात्रियों को कोई असुविधा ना हो।

पिछले साल भी धमकी
आपको बता दें कि इससे पहले पिछले साल जुलाई में भी इसी तरह मेट्रो कर्मचारियों ने हड़ताल की धमकी दी थी, लेकिन डीएमआरसी प्रबंधन ने लगातार कुछ बैठकें कर समझौता किया, जिसके बाद कर्मचारी मान गये थे। इस वजह से दिल्ली-एनसीआर वासियों को संकट से बचा लिया गया था।