अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिये आया ‘सबसे बड़ा दान’, RSS कार्यकर्ता ने सौंपा चेक

अयोध्या में वीएचपी 25 नवंबर को धर्मसभा का आयोजन कर रहा है, इस धर्मसभा का आरएसएस और बीजेपी खुलकर समर्थन कर रही है।

New Delhi, Nov 21 : यूपी के प्रतापगढ में आरएसएस के पूर्ल सहसंघ चालक ने अयोध्या में रामलला के भव्य मंदिर निर्माण के लिये 1 करोड़ रुपये का दान दिया है, ये अब तक का सबसे बड़ा दान है, इसलिये प्रतापगढ ही नहीं बल्कि पूरे देश में इसकी चर्चा हो रही है, प्रतापगढ के अंतु थाना क्षेत्र के रहने वाले सियाराम ने अयोध्या में मंदिर के लिये एक करोड़ रुपये का चेक दान में दिया है। सियाराम ने ये चेक राम मंदिर निर्माण के लिये वीएचपी के नाम से दिया है।

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25 नवंबर को धर्मसभा
मालूम हो कि अयोध्या में वीएचपी 25 नवंबर को धर्मसभा का आयोजन कर रहा है, इस धर्मसभा का आरएसएस और बीजेपी खुलकर समर्थन कर रही है, इस होने वाले धर्मसभा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के दिग्गजों से लेकर तमाम बीजेपी नेताओं ने लोगों से ज्यादा से ज्यादा संख्या में अयोध्या पहुंचने के लिये कहा है।

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बयानों का दौर शुरु
अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण को लेकर दूसरी ओर बयानबाजियों का दौर भी तेज हो गया है, जहां एक तरफ दावा किया जा रहा है कि संसद के शीतकालीन सत्र में मोदी सरकार इस पर बिल पेश करेगी, वहीं ताजा घटनाक्रम के बाद अयोध्या केस के पक्षकार इकबाल अंसारी ने संसद में कानून बनाकर रामलला मंदिर मामले का हल निकालने की कोशिश का समर्थन किया है।

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सरकार निकाले हल
इकबाल अंसारी ने कहा कि अगर इस विवाद को खत्म करने के लिये कोर्ट से जल्द फैसला नहीं आता है, तो फिर केन्द्र सरकार को संसद में इस पर कानून बनाकर इसका हल निकालना चाहिये। इसके साथ ही अंसारी ने ये भी कहा कि हिंदू और मुस्लिम सभी इस मामले में कोर्ट के फैसले को मानने के लिये तैयार हैं, उन्होने आगे बोलते हुए कहा कि इस मामले पर राजनीति बंद होनी चाहिये।

राजनीति करने का आरोप
अयोध्या में राम मंदिर का मामला पिछले कई सालों से राजनीति में भुनाया जाता रहा है, बीजेपी इस पर वोट मांगती रही है, हालांकि पिछले कुछ सालों से बीजेपी का कहना है कि उन्हें कानून पर पूरा भरोसा है, मामला कोर्ट में विचाराधीन है, लोगों को कोर्ट के फैसले तक धैर्य रखना चाहिये, हालांकि बीजेपी के ही कुछ नेताओं ने खुलकर कहा कि अब और कितना धैर्य रखे, इस पर सरकार को कानून बनाना चाहिये, ताकि जल्द से जल्द मंदिर निर्माण का कार्य शुरु हो सके।