सीएम पद छोड़ना चाहते हैं मनोहर पार्रिकर, इनकी वजह से नहीं दे पा रहे त्यागपत्र, बीमारी में भी लगातार कर रहे हैं काम
सरदेसाई के अनुसार जब वह गणेश चतुर्थी पर्व पर अस्पताल में भर्ती हुए तो उन्होंने अपने सभी मंत्रालय अन्य मंत्रियों को सौंपने की इच्छा जाहिर की थी ।
New Delhi, Nov 23 : बीमार चल रहे गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर पैनक्रिएटिक कैंसर से जूझ रहे हैं । पब्लिकली वो आखिरी बार एक महीने पहले नजर आए थे । उनकी सेहत काफी गिरी हुई थी । गंभीर बीमारी के बावजूद पर्रिकर सीएम पद पर बरकरार हैं । उनके पद ना छोड़ने के कारण कई तरह के सवाल भी उठ रहे हैं । हालांकि अब मामले में सरकार में मंत्री का एक बयान आया है । जिससे साफ है कि पर्रिकर कुर्सी पर बने रहना नहीं चाहते हैं ।
सरकार में मंत्री का बयान
जानकारी के अनुसार पर्रिकर पद से त्यागपत्र देना चाहते थे लेकिन भाजपा आला कमान ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया । गोवा फारवर्ड पार्टी के प्रमुख और राज्य के कृषि मंत्री विजय सरदेसाई का दावा है कि पर्रिकर मुख्यमंत्री पद छोड़ना चाहते थे । सरदेसाई के अनुसार जब वह गणेश चतुर्थी पर्व पर अस्पताल में भर्ती हुए तो उन्होंने अपने सभी मंत्रालय अन्य मंत्रियों को सौंपने की इच्छा जाहिर की थी ।
आलाकमान ने रोका
सरदेसाई के मुताबिक इसके बाद कई चीजें हुईं । भाजपा आलाकमान ने इसमें हस्तक्षेप किया । त्यागपत्र देना या न देना पूरी तरह से उनके हाथ में नहीं था । आलकमान नहीं चाहता था कि गोवा सीएम पद से मनोहर इस्तीफा दें और ये कुर्सी किसी और को दी जाए । आपको बता दें पर्रिकर को 14 अक्टूबर को दिल्ली के एम्स से छुट्टी मिली थी । तब से वे घर पर स्वास्थ्य लाभ कर रहे हैं ।
14 सितंबर को ही किया था त्यागपत्र देने का अनुरोध
बता दें कि गोवा के वर्तमान सीएम मनोहर पर्रिकर पैनक्रियाटिक कैंसर से जूझ रहे हैं । दिल्ली के एम्स से पहले पर्रिकर इलाज के लिए अमेरिका गए थे । 14 सितंबर को अमेरिका से वापस लौटने के बाद पर्रिकर ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से फोन पर बात कर गोवा में नेतृत्व के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने की मांग की थी । इलाज होने में लंबा वक्त लग सकता है, यही सोचकर उन्होने आलाकमान से ये अनुरोध किया ।
राज्य में फुलटाइम मुख्यमंत्री की मांग
पर्रिकर की बीमारी और सीएम के कार्य में आ रही परेशानी के कारण20 नवंबर को पीपुल्स मार्च फॉर रेस्टोरेशन ऑफ गवर्नेंस के बैनर तलेसैकड़ों लोगों ने गोवा में मार्च निकाला । जिसमें सामाजिक कार्यकर्ता, कांग्रेस कार्यकर्ता और एनजीओ शामिल थे । इस मार्च को एनसीपी और शिवसेना का भी समर्थन प्राप्त था। प्रदर्शनकारी पर्रिकर के निजी निवास की ओर जाना चाहते थे लेकिन उन्हें 100 मीटर पहले ही रोक दिया गया । प्रदर्शनकारियों ने 24 घंटे में पर्रिकर को अपना पद छोड़ने का अल्टीमेटम दिया था ताकि कोई फुलटाइम मुख्यमंत्री पद संभाल सके।
घर बना अस्पताल
कुछ समय पहले खबर आई थी कि मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर की खराब सेहत के चलते उनके आवास को ही हॉस्पिटल में तब्दील कर दिया गया है । डॉक्टरों की टीम 24 घंटे उनकी सेहत पर नजर बनाए हुए है ।वहीं खबरों में ये भी चर्चा गरम थी कि मुख्यमंत्री के इर्द-गिर्द रहने वाले अधिकारियों का एक समूह उनकी अनुपस्थिति में अवैध तरीके से निर्णय ले रहा है । कांग्रेस के इन आरोपों को भाजपा ने हताशा का परिणाम बताया था ।