32 किमी. दूर से डॉक्टर ने कर दी मरीज की सर्जरी, भारत में हुए इस ऑपरेशन से विदेश के डॉक्टर भी हैरान
गुजरात में एक डॉक्टर ने 32 किमी की दूरी से मरीज की सर्जरी कर दी । डॉक्टर अक्षरधाम मंदिर में थे और मरीज हॉस्पिटल में ऑपरेशन बेड पर । आखिर कैसे हुआ ऐसा ये सब संभव आगे पढ़ें ।
New Delhi, Dec 06 : गुजरात के अहदाबाद में एक डॉक्टर ने एक मरीज की 32 किमी दूर से ही सफल सर्जरी कर दी । ये पढ़ने में हैरान करता है, लेकिन ये सच है । आधुनिक विज्ञान के कारण ये सब संभव हो पाया है । विज्ञान ने वो सच कर दिखाया जो बस कल्पनाओं तक सीमित था । दुनिया भर में इस सफल सर्जरी की चर्चा हो रही है । ये सर्जरी अहमदाबाद के कार्डियोलॉजिस्ट तेजस पटेल ने की है । दिल की मरीज की इस सर्जरी में सामान्य समय ही लगा । मरीज इस प्रक्रिया के लिए तैयार थी ।
पहली टेलीरोबोटिक सर्जरी
इस सर्जरी को इंसान के दिल पर होने वाली पहली टेलीरोबोटिक कोरोनरी सर्जरी बताया जा रहा है । आपको बता दें सर्जरी के दौरान डॉ पटेल गांधीनगर स्थित अक्षरधाम मंदिर में बैठे हुए थे । जबकि मरीज एपेक्स हार्ट इंस्टीट्यूट में थी । दोनों जगहों के बीच की दूरी लगभग 32 किमी है । डॉ पटेल रोबोट को काफी दूर से नियंत्रित कर रहे थे । जिस महिला की सर्जरी हुई उसे कुछ दिन पहले ही हार्ट अटैक आया था । वो इस प्रोसेस के लिए तैयार थी ।
स्टेंट डालने की प्रक्रिया रही सफल
जानकारी के अनुसार डॉ पटेल ने महिला के दिल से रोबोट के जरिए ब्लॉकेज को हटाया और स्टेंट डाले । रोबोट को निर्देश देने के लिए उन्होंने 100 एमबीपीएस की इंटरनेट लाइन का इस्तेमाल किया था, ताकि नेटवर्क ना टूटे । हालांकि उन्होंने कहा कि 20 एमबीपीएस की इंटरनेट लाइन हो तो भी कोई दिक्कत नहीं है ।
सीएम भी बने गवाह
आपको बता दें इस सर्जरी को गुजरात के चीफ मिनिस्टर विजय रुपानी और डिप्टी सीएम नितिन पटेल भी देख रहे थे । वे भी डॉक्टर तेजस के साथ अक्षरधाम मंदिर में ही मौजूद थे । इस सर्जरी को बड़ी सफलता माना जा रहा है । इस तकनीक की मदद से डॉक्टर किसी भी जगह से आपात स्थिति में मरीज की जान बचा सकेंगे । ये आधुनिक सर्जरी की तकनीक बहुत ही सुरक्षित मानी जा रही है । समय की बचत के साथ ये भरोसेमंद भी है ।
रोबोटिक सिस्टम में ये 3 चीजें थीं शामिल
आपको बता दें रोबोटिक सिस्टम में 3 चीजें शामिल थी । ये हैं कैथ लैब, कॉकपिट: जहां से कार्डियोलॉजिस्ट कमांड दे रहे थे और रिप्लेसेबल कैसेट । जिसमें क्लीनिकल मटेरियल होता है । बहरहाल ये आधुनिक तकनीक बहुत मददगार साबित होगी । अहमदाबाद के डॉक्टरों के इस सफल प्रयास से देश भर में इस तकनीक की मदद ली जा सकेगी ।