6 साल गौतम गंभीर ने खोला सचिन-सहवाग से जुड़ा सबसे बड़ा राज, धोनी पर लगाये सनसनीखेज आरोप

साल 2012 में तत्कालीन कप्तान धोनी ने कहा था कि वो 2015 विश्वकप को लेकर तैयारी कर रहे हैं, इसलिये सचिन, सहवाग और गौतम गंभीर को एक साथ प्लेइंग इलेवन में मौका नहीं दे सकते।

New Delhi, Dec 10 : पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने क्रिकेट के सभी प्रारुपों से सन्यास ले लिया है, अपने बेबाक बयानों के लिये अकसर सुर्खियों में रहने वाले गंभीर ने अपने करियर के दौरान भी कई घटनाओं पर खुलकर बोला, अब पूर्व कप्तान धोनी की कप्तानी को लेकर उन्होने एक बड़ा बयान दिया है, जिस पर खूब चर्चा हो रही है, दरअसल गौती ने धोनी की सलेक्शन पॉलिसी को अनुचित बताया है।

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धोनी की कप्तानी पॉलिसी पर सवाल
आपको बता दें कि साल 2012 में तत्कालीन कप्तान धोनी ने कहा था कि वो 2015 विश्वकप को लेकर तैयारी कर रहे हैं, इसलिये सचिन, सहवाग और गंभीर को एक साथ प्लेइंग इलेवन में मौका नहीं दे सकते, इन्हें रोटेट कर टीम में शामिल करें, टूर्नामेंट ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की संयुक्त मेजबानी में हो रहा है, यहां मैदान बड़े होते हैं, इसलिये टीम को अच्छे फिल्डरों की जरुरत होगी, अब गंभीर ने इतने साल बाद इस पर अपनी राय रखी है।

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गंभीर ने क्या कहा
हालिया इंटरव्यू में दिग्गज बल्लेबाज ने कहा कि धोनी की ये पॉलिसी हम तीनों के लिये बेहद चौंकाने वाला था, मैंने ही नहीं शायद अब तक किसी खिलाड़ी ने अपने करियर में ये नहीं सुना होगा, कि 2012 में ही तय कर लेते हैं कि 2015 विश्वकप में किन खिलाड़ियों को खिलाना है। क्योंकि जब आप टीम चुनते हैं, तो इस दौर के किस खिलाड़ी का फॉर्म सबसे अच्छा होता है, ये देखना सबसे जरुरी होता है, लेकिन उनकी अलग ही पॉलिसी थी।

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दुर्भाग्यपूर्ण और अन्यायपूर्ण
गौती ने धोनी के उस फैसले का जिक्र करते हुए कहा कि अगर 2012 में आप 2015 विश्वकप के लिये टीम बनाने की बात कर रहे हो, तो ये दुर्भाग्यपूर्ण के साथ-साथ अन्यायपूर्ण भी हैं, अगर आप अच्छी बल्लेबाजी कर रहे हैं, तो उम्र महज नंबर है, हां अगर बल्लेबाजी ठीक नहीं कर रहे है, फिल्डिंग अच्छी नहीं हैं, तो फिर बात अलग है, मालूम हो कि आगे चलकर सचिन , सहवाग और गंभीर तीनों में से कोई भी 2015 विश्वकप टीम का हिस्सा नहीं बना, सचिन ने उसके कुछ समय बाद ही सन्यास की घोषणा कर दी थी।

हैरानी हुई थी
जिस समय धोनी सचिन, सहवाग और गंभीर को एक साथ टीम में नहीं खिलाने की बात कर रहे थे, तब ये तीनों टीम के टॉप तीन नंबर के बल्लेबाज हुआ करते थे, इसलिये कप्तान के फैसले से गौतम गंभीर को हैरानी हुई थी, हालांकि कुछ समय बाद ही अचानक से तीनों का करियर खात्मे की ओर बढ गया।