चुनाव नतीजों से सबक, ‘भूल सुधार’ कर किसानों के लिए सरकार करने जा रही है इतना बड़ा काम, बजट में भी होगा ‘खास’

मई 2019 में बीजेपी एक बार फिर जनता के बीच होगी, नतीजे पक्ष में हो इसकी भरसक कोशिशें सरकार कर रही है और आने वाले दिनों में भी ऐसे कई काम होने की संभावना जताई जा रही है । सरकार की इस समय प्राथमिकता किसान ही हैं …

New Delhi, Dec 14 : 5 राज्‍यों के विधानसभा चुनाव में 3 राज्‍य हाथ से गंवाने वाली बीजेपी अब भूल सुधार की तैयारी में जुट गई है । भाजपा को मिली इस बड़ी शिकस्‍त का कारण कहीं ना कहीं किसानों की नाराजगी मानी जा रही है । खबर है कि सरकार अब इस हार से सबक लेकर किसानों के लिए बड़े कर्ज माफी की तैयारी में है । साथ ही फरवरी में पेश होने वाले बजट में भी किसानों के लिए कई नई और अहम योजनाओं की घोषणा होने की उम्‍मीद जताई जा रही है।

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कर्ज माफ करने की तैयारी
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सरकार देश भर के 26.3 करोड़ किसानों को बड़ी राहत देने की तैयारी

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में है । सरकार किसान और उनके परिवार द्वारा लिए गए कर्ज को माफ करने की योजना पर काम कर रहे हैं । आपको बता दें सभी बैंकों कर्ज माफ होने की कुल रकम 4 लाख करोड़ रुपये है । ये रकम भारतीय रिजर्व बैंक के पास मौजूद 9.6 लाख करोड़ से कहीं ज्यादा है ।

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लोकसभा चुनाव की तैयारी
माना जा रहा है कि केंद्र सरकार इस ओर जल्‍द से जल्‍द काम करना चाहती है क्‍योंकि किसानों की

जो नाराजगी उन्‍हें विधानसभा चुनाव में झेलनी पड़ी है उसका खामियाजा कहीं सरकार को लोकसभा चुनाव में ना उठाना पड़े । मई 2019 में बीजेपी एक बार फिर जनता के बीच होगी, नतीजे पक्ष में हो इसकी भरसक कोशिशें सरकार कर रही है और आने वाले दिनों में भी ऐसे कई काम होने की संभावना जताई जा रही है । सरकार की इस समय प्राथमिकता किसान ही हैं, क्‍योंकि ताजा नतीजे किसानों की नाराजगी का एक बड़ा परिणाम माने जा रहे हैं ।

खेती में हो रहा है नुकसान
पिछले कुछ सालों में किसानों को खेती से होने वाली आय में खासा नुकसान हो सकता है । बीजेपी

2014 से केन्‍द्र में शासन कर रही है, इस कार्यकाल में किसानों की आय बढ़ने के बजाय घटती ही गई । आंकड़ों के अनुसार खेती से होने वाली पैदावार भी सितंबर में खत्म हुई तिमाही में 5.3 फीसदी से घटकर केवल 3.8 फीसदी रह गई । जाहिर है इसका सीधा असर किसानों पर पड़ा है, किसानों की कमर टूट गई है, ऊपर से बैंकों के कर्ज उनके गले की हड्डी बने हुए हैं ।

नीतियों में बदलाव जरूरी
केयर रेटिंग्स के चीफ इकोनॉमिस्ट मदन सबनवीस के अनुसार सरकार को अब अपनी इकोनॉमिक पॉलिसी में बड़े बदलाव करने होंगे। इसमें किसानों का कर्ज माफ करना, खेती पर फोकस करना और समाज से जुड़े मुद्दों पर फोकस करना होगा। आगे के महीनों में हम देख सकते हैं कि सरकार एक बार फिर से कई ऐसे मुद्दों पर फैसला लें, जो जनता से सीधे जुड़े हैं। वहीं आनंद राठी फाइनेंस सर्विस के चीफ इकोनॉमिस्ट सुजन हजरा ने कहा कि अब सरकार एक बार से गांवों की ओर ध्यान देगी। इसमें किसानों को फसल पर न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी करना और अन्य ग्रामीण भारत के लिए बनी हुई योजनाओं पर फोकस करने का होगा।

बजट में भी हो सकता है खास
मोदी सरकार 1 फरवरी 2019 को अंतरिम बजट पेश करेगी । बजट में भी उम्‍मीद की जा रही है

कि किसानों के लिए इस बार काफी कुछ खास हो सकता है । संभावना जताई जा रही है कि इस बजट में वित्त मंत्री अरुण जेटली अपना फोकस ग्रामीण अर्थव्यवस्था, इंफ्रास्ट्रक्चर, घर, रेलवे और सड़कों पर करें । सब्सिडी में बढ़ावा और टैक्स की दरों में रियायत की उम्‍मीद की जा रही है । आम आदमी को लुभाने के लिए इस बजट में कई चीजें राहत भरी हो सकती हैं ।