जिद पर अड़े हुए हैं सचिन पायलट,कहा – पीछे क्‍यों हटूं, मैंने बहुत मेहनत की है : सूत्र

अशोक गहलोत और सचिन पायलट, कौन होगा राजस्‍थान का अगला सीएम, इस बात पर सस्‍पेंस अभी जारी है । सूत्रों के हवाले से खबर है कि पायलट अपनी दावेदारी छोड़ने को तैयार नहीं है ।

New Delhi, Dec 14 : मध्‍यप्रदेश में कमलनाथ को कमान सौंप कर राहुल गांधी अब राजस्‍थान के सीएम का फैसला करने की कोशिश में जुटे हैं । एक तरफ हैं अशोक गहलोत तो वहीं दूसरी ओर हैं सचिन पायलट । दोनों ही नेता अपनी दावेदारी छोड़ने को तैयार नहीं, और ना ही इनके कार्यकर्ता अपने नेताओं को पीछे हटने देना चाहते हैं । दोनों ही नेताओं के समर्थक जगह-जगह नारेबाजी कर रहे हैं, अपने नेता के समर्थन और दूसरे के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं ।

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राजस्थान का सीएम कौन ?
राजस्थान में विधानसभा चुनाव के नतीजे आए 48 घंटे से ज़्यादा का समय हो चुका है, लेकिन प्रदेश

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में मुख्‍यमंत्री की कमान किसके हाथ में होगी ये अब भी सवाल है । सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि दिल्ली में कांग्रेस के आलाकमान ने अशोक गहलोत के नाम पर मुहर लगा दी है । जबकि सीएम पद के एक और दावेदार सचिन पायलट पार्टी के फैसले को मानने को तैयार नहीं हैं ।

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सचिन पायलट को मनाने की कोशिश जारी
सूत्रों के अनुसार पार्टी आलाकमान मुताबिक सचिन पायलट को मनाने की कोशिशें लगातार कर

रहा है, लेकिन वह पीछे हटने को तैयार नहीं है । सोनिया गांधी भी पायलट से बात कर चुकी हैं, लेकिन वो नहीं मान रहे हैं । (सूत्रों की मानें तो सचिन पायलट साफ कह रहे हैं कि उन्‍होने राजस्थान में जमकर मेहनत की है । अगर ऐसे में उन्हें मुख्‍यमंत्री नहीं बनाया जाता है तो इससे जनता के बीच गलत संदेश जाएगा ।

समर्थक सड़क पर
वहीं दोनों नेताओं के समर्थक सड़क पर उतर गए हैं । कांग्रेस मुख्‍यालय के बाहर भी समर्थकों का

जमावड़ा लगा हुआ है । अशोक गहलोत और सचिन पायलट के साथ राहुल गांधी ने घंटों बैठक की । दिल्ली और जयपुर दोनों ही जगह नेताओं के समर्थक लागातार नारेबाजी कर रहे हैं । पायलट के समर्थक अपने नेता के लिए अड़े हुए हैं, वहीं राजस्‍थान में पहले भी मुख्‍यमंत्री रह चुके गहलोत का अनुभव उनके लिए प्‍लस प्‍वॉइंट बना हुआ है । बताया जा रहा है सोनिया और प्रियंका गांधी भी अशोक गहलोत को ही मुख्‍यमंत्री बनाना चाहती हैं ।

राजस्‍थान में सचिन पायलट का काम
साल 2013 में बीजेपी से करारी हार के बाद कांग्रेस ने सचिन पायलट को राजस्थान की कमान

सौंपी थीं । 2013 में कांग्रेस महज 21 सीटों पर सिमट गई थी । विपक्ष में रहते हुए सचिन पायलट ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर सरकार को जमकर घेरा, पूरे 5 सालों तक सरकार के एक-एक काम का पहलू जनता तक पहुंचाया । जाहिर है उन्‍होने प्रदेश में जनता का कांग्रेस पर दोबारा भरोसा कायम किया । वहीं बात करें अशोक गहलोत की तो गहलोत कांग्रेस के संगठन महासचिव हैं साथ ही केंद्रीय राजनीति में भी सक्रिय हैं । विधानसभा चुनावों में गहलोत स्टार प्रचारक के तौर पर पूरे प्रदेश में वोट मांगते हुए नजर आए । वो राजस्‍थान के मुख्‍यमंत्री रह चुके हैं और प्रदेश की नब्‍ज भी समझते हैं ।