अमर सिंह ने पेश किया ‘महागठबंधन’ का समीकरण, एसपी-कांग्रेस के पास सिर्फ एक ‘रास्ता’ वरना भूल जाओ

2019 लोकसभा चुनाव के लिए एकजुट हो रहे विपक्ष में सपा-बसपा रोड़ा बनकर खड़े हैं । दोनों ही दलों की रणनीति कांग्रेस की समझ से भी परे हैं । ऐसे में अमर सिंह ने एक बयान दिया है ।

New Delhi, Dec 18 : उत्तर प्रदेश में महागठबंधन को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं । राज्यसभा सांसद अमर सिंह ने हाल ही में एक बड़ा बयान दिया । अमर सोमवार को भदोही जिले में थे, यहां उन्‍होने महागठबंधन पर बड़ी बात कहते हुए सपा-कांग्रेस को इसके नए समीकरण समझााएं । उन्‍होने पुराने समय की बात भी की, उन्‍होने उस समय का जिक्र भी किया जब सपा मुलायम सिंह यादव के हाथ में थी । वो क्‍यसा करते, अमर सिंह ने ये भी बताया ।

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कभी गठबंधन नहीं करते मुलायम
अमरसिंह ने सोमवार को एक बड़ा बयान देते हुए कहा – अगर मुलायम सिंह की चलती तो वे हारना

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पसंद करते, लेकिन लोकसभा चुनाव-2019 में बहुजन समाज पार्टी  और कांग्रेस से महागठबंधन कभी नहीं करते । अमर ने कहा कि 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव में बसपा ने जिस तरह से दलित मतदाताओं का वोट काटा है, उससे यह साबित होता है कि वह यूपी की राजनीति का इंजन बनना चाहेंगी, जबकि सपा और कांग्रेस को उस इंजन का डिब्बा बनकर संतोष करना पड़ेगा ।

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‘माया शरणम गच्छामि’ का दिया मूल मंत्र
भदोही में ‘मोदी अगेन पीएम’ कार्यक्रम के दौरान अमर सिंह पत्रकारों से बात कर रहे थे । यहां

उन्‍होने 5 राज्‍यों के चुनाव नतीजों पर बात करते हुए यूपी में राजनीतिक बिसात और महागठबंधन पर बात की । अमर ने कहा 3 राज्यों में सरकार बनने के बाद कांग्रेस यूपी में महागठबंधन के तहत कम से कम 20 सीटों की मांग करेंगी,  मायावती इतनी सीट सपा को कभी भी नहीं देंगी ।  मायावती कांग्रेस को अमेठी और रायबरेली, जबकि सपा को 20 से अधिक सीट देने पर राजी नही होंगी । अब अगर महाठबंधन करना है तो कांग्रेस-सपा के पास सिर्फ माया शरणम गच्छामि का रास्ता ही बचता है ।

बीएसपी देश की तीसरी बड़ी पार्टी
आपको बता दें 2014 के लोकसभा चुनाव नतीजों के मुताबिक बीजेपी और कांग्रेस के बाद

मायावती की पार्टी बीएसपी वोट प्रतिशत के मामले में देश की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है । मायावती की पार्टी में वोटर काफी पाबंद माने जाते हैं । अनूसूचित जाति, जनजाति ही नहीं इस पार्टी में सवर्ण वोटरों की संख्‍यां भी काफभ्‍ ज्‍यादा है । बहुजन से सर्वजन की ओर जाने के बाद मायावती का वोटर बढ़ा ही है । देखना होगा आने वाले चुनावों में महागठबंधन के क्‍या रंग देखने को मिलते हैं  ।