2019 : नए साल के लिए बहुत काम के 20 वास्‍तु टिप्‍स, सारी नेगेटिविटी होगी घर से बाहर

जानिए वास्‍तु की कुछ खास टिप्‍स, इस नए साल पर अपने घर को सकारात्‍मकता से भर दीजिए, अपनाइए कुछ वास्‍तु उपाय और नए साल पर जीवन से सारी नकारात्‍मकता को दूर कर दीजिए ।

New Delhi, Dec 27 : नए साल के स्‍वागत में अब कुछ ही दिन बचे हैं, इस साल की शुरुआत से पहले आप तय करें कि आपको नव वर्ष में क्‍या लेके जाना है । नेगेटिविटी या पॉजिटिविटी । आज हम आपको बता रहे हैं वास्‍तु के कुछ ऐसे उपाय जो आपको पॉजिटिव बनाए रखने में मदद करेंगे । जी हां, नए साल में आप और आपके घ-परिवार में हो नई ऊर्जा का संचार, आप नई उम्‍मीदों से नए काम के जरिए तरक्‍की करें, इसके लिए अपनाएं आगे बताए जा रहे उपाय । ये आपको असफलता से सफलता की ओर ले जाते हैं।

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वास्‍तु टिप्‍स
1. घर के मुख्य द्वार से ही सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जाओं के प्रवेश का आदान-प्रदान शुरू होता है अत: वहीं से हम शुरू करते हैं अपने घर को सकारात्मक ऊर्जा देने का उद्यम करते हैं तो नववर्ष में घर के द्वार पर चांदी के बने स्वास्तिक को स्थान देकर घर में सकारात्मकता उत्पन्न करें ।
2. धन के देवता कुबेर का घर उत्तर दिशा में है तो इस वर्ष उत्तर दिशा को सशक्त बनाएं।
3. घर के उत्तर, पूर्व से कूडा-करकट को फेंककर, पुराने सड़े-गले कपड़ों और अन्य वस्तुओं को हटाकर, छह महीने या अधिक समय से रखे बेकार व बिना इस्तेमाल किए इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जो विकास में रुकावट या अड़चन डालें, उन्हें घर से बाहर करके कलह क्लेश से दूर रहें। इनसे मुक्ति पाकर सकारात्मक शक्ति की उर्जा को घर व परिवार में स्थान दें।

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इन बातों का रखे ध्‍यान
4. घर में पेड़-पौधे लगाने से ही सकारात्मक ऊर्जा को स्थान मिलता है। यह पूर्व दिशा के दोषों को हटाकर संतुलन बनाने का कार्य करते हैं।
5. खाते में असंतुलन या धोखाधड़ी, अप्रासंगिक वार्तालाप, विदेश यात्रा में देरी या जाना रद्द होना, उच्च शिक्षा में असफलता, मुंहासे या चकत्तों से रूप रंग में गिरावट और कानून संबंधी समस्याओं से जूझ रहे हों तो वास्तु द्वारा उत्तर दिशा को सशक्त बनाएं। उत्तर दिशा में कुबेर देवता को स्थान देकर अपनी बुद्धिमता और समझ को संतुलित करें।
6.जल तत्व संबंधी चित्रों को सोने के कमरे में न लगाएं।

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पॉजिटिव और कॉनसनट्रेशन बढ़ाने के उपाय
7. घर में ऐसे चित्र जो वीरान घर, लड़ाई-झगड़े, पतझड़ आदि नकारात्मक बातों को इंगित करते हैं उनके स्थान पर वहां मन को उत्साह, आनंद, उमंग, शांति व तरोताजगी की सकारात्मक उर्जा वाले चित्रों को पूर्व दिशा में लगाएं।
8. अध्ययन करते हुए पीठ खिड़की की और नहीं होनी चाहिए बल्कि पीठ के पीछे दीवार होनी चाहिए जो निरन्तरता को कायम रखती है और एकाग्रता को बढ़ाती है।
9. लोहे की छड़ आदि सामान को भी छत पर न रख कर घर में खुशहाली का वातावरण स्थापित करें।

मंदिर से जुड़े उपाय
10. घर में बड़ा मंदिर न बनाएं। यदि बनाएं तो छोटा-सा मंदिर मूर्ति रहित होना चाहिए।
11. पूजा स्थल में मृतक की फोटो न लगाएं। पितरों की दिशा दक्षिण- पश्चिम दीवार होती है।
12. दक्षिण दिशा के रसोई घर में सफेद रंग का रोगन वास्तु दोष को दूर कर देता है।
13. घर की दक्षिण दिशा में जलतत्व या नीला रंग नहीं होना चाहिए। यदि ऐसा करना अति आवश्यक हो तो हरे और लाल रंग का मिश्रण या केवल लाल रंग का ही प्रयोग करना चाहिए।
14. घर के दक्षिण व पश्चिम में पानी का बहाव, पानी का फव्वारा बचत में बाधक हो सकता है।

रसोई से जुड़ा वास्‍तु उपाय
15. दक्षिण-पश्चिम में शीशा नहीं लगाना चाहिए। इससे बनते काम अंतिम दौर में पूर्ण नहीं होते।
16. घर के दक्षिण में यदि खुलापन है तो उसे दूर करने के लिए कृष्ण की मुरली बजाती मूर्ति को रख कर दूर किया जा सकता है।
17. दक्षिण दिशा मंगल ग्रह की होती है। दक्षिण दिशा का सेनापति कहा जाता है। मंगल ग्रह दक्षिण दिशा का स्वामी है अत: इसमें किसी प्रकार के दोष से कानूनी कठिनाइयां उत्पन्ना हो सकती हैं।
18. नव वर्ष में जमीन खरीदते समय उसकी निकटवर्ती सड़कें और ढलान का खास ध्यान रखना जरूरी है। वे प्लॉट न लें जिस पर दक्षिण-पश्चिम से सड़क आ रही हो। दक्षिण दिशा को सड़क वाले प्लॉट को नहीं खरीदना चाहिए। दक्षिण-पश्चिम दिशा को कटता प्लॉट भी नहीं खरीदना चाहिए।

बहुत काम के टिप्‍स
19.नव-वर्ष में अपने लक्ष्य को स्वयं अपने हाथों से कागज पर लिख कर अपने घर के काम के मेज पर या सामने दीवार पर टांग लें। साथ ही निश्चित समय सीमा भी बांध लें तो लक्ष्य पूरे करने की ऊर्जा मिलती है।
20.यदि प्लॉट व्यापारिक उपयोग के लिए खरीद रहे है तो ध्यान रखना चाहिए कि वे किस उद्देश्य के लिए खरीद रहे है। जिस प्लॉट में दक्षिण-पश्चिम दिशा में कट हो वह प्रॉपर्टी डीलिंग के उपयुक्त नहीं है । अगर तैयार फ्लैट, बंगला, दुकान या शोरूम खरीद रहे हों तो उनका मुख्य द्वार, कमरों के स्थान निर्धारण और पंचतत्वों के संतुलन को वास्तु के अनुसार ध्यान में रखना चाहिए।
(जानकारी रिसर्च पर आधारित)