शत्रुध्न सिन्हा ने पीएम को दी चुनौती, मंत्री रहते उड़ा था खूब मजाक, सवालों के जवाब से ऐसे भागे थे शॉटगन

संसद में उस दिन स्थिति ऐसी थी कि शत्रुघ्न सिन्हा कभी अधिकारियों द्वारा भेजी गई पर्ची पढते, तो कभी सवाल, फिर कंफ्यूज होकर रह जाते।

New Delhi, Jan 04 : हाल ही में न्यूज एजेंसी एएनआई को पीएम मोदी ने इंटरव्यू दिया था, इस इंटरव्यू के दौरान नरेन्द्र मोदी ने कई मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखी, पीएम का इस इंटरव्यू का मीडिया और सोशल मीडिया पर खूब चर्चा हो रही है, कांग्रेस के निशाना साधने के बाद अब बीजेपी सांसद शत्रुध्न सिन्हा ने भी मोर्चा खोल दिया है, शत्रुघ्न सिन्हा ने पीएम नरेन्द्र मोदी के इस इंटरव्यू को पूर्व प्रायोजित, बनावटी और पूरी तैयारी के साथ किया गया इंटरव्यू कहा है।

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पीएम पर निशाना
शॉटगन ने पीएम मोदी के प्रेस कांफ्रेस ना करने पर भी तंज कसा, साथ ही कहा की पीएम को रवीश कुमार और विनोद दुआ जैसे पत्रकारों को इंटरव्यू देना चाहिये, हालांकि ऐसा कह कर उन्होने अपने लिये ही मुसीबत मोल ले ली है, क्योंकि अगर इतिहास में जाएं, तो शत्रुघ्न सिन्हा का रिकॉर्ड भी सवालों को जवाब देने के मामले में कुछ खास अच्छा नहीं है।

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संसद में उड़ा था शत्रुध्न सिन्हा का मजाक
साल 2002 में जब शॉटगन वाजपेयी सरकार में मंत्री थे, तो उस दौरान स्वास्थ्य मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल रहे थे, तब संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान बॉलीवुड स्टार को अपने मंत्रालय से संबंधित सवालों का जवाब देना था, लेकिन स्थिति ये हुई कि अपने ही मंत्रालय से संबंधित सवालों से अनभिज्ञ रहने पर संसद में शॉटगन का खूब मजाक बनाया गया।

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कभी पर्ची पढते तो कभी सवाल
संसद में उस दिन स्थिति ऐसी थी कि शत्रुघ्न सिन्हा कभी अधिकारियों द्वारा भेजी गई पर्ची पढते, तो कभी सवाल, फिर कंफ्यूज होकर रह जाते, एक सवाल के जवाब में उन्होने प्रतिबंधित दवाओं के नाम के उच्चारण भी ठीक से नहीं कर पाये थे, हालांकि किसी तरह उन्होने पीछा छुड़ाया था, तब संसद में खूब ठहाके लगे थे, अंत में उन्होने ये कहकर अपनी पीछा छुड़ाया था कि क्यों उनका इम्तिहान ले रहे हैं, वो कोई डॉक्टर नहीं हैं, और अभी मेहनत करके सीख रहे हैं।

बीजेपी के बागी
आपको बता दें कि शॉटगन इन दिनों बागी तेवर अपनाये हुए हैं, वो मोदी-शाह के खिलाफ बयानबाजी करने का कोई मौका नहीं छोड़ते हैं, गुरुवार को एक बार फिर से उन्होने कई ट्वीट कर पीएम पर निशाना साधा, एक ट्वीट में उन्होने लिखा कि अतीत में सभी प्रधानमंत्रियों ने प्रेस कांफ्रेंस की, लेकिन सर, आपने साढे चार साल के कार्यकाल में एक भी प्रेस कांफ्रेंस नहीं की, ऐसा क्यों सर, वैसे भी सच्चे पत्रकारों से बात करनी चाहिये, सरकारी मानसिकता या राग दरबारी जैसों से नहीं।