शराब पी रहे रवि शास्त्री के कमरे में घुसे थे गावस्कर, कही ऐसी बात कि ‘उतर गया पूरा नशा’

रवि शास्त्री के कोचिंग स्टाइल को भी साइडलाइन नहीं किया जा सकता, क्योंकि विराट से लेकर अश्विन तक कह चुके हैं कि शास्त्री ने उन्हें तकनीकी सहायता मुहैया कराया।

New Delhi, Jan 08 : जून 2016 में जब पूर्व दिग्गज क्रिकेटर अनिल कुंबले को टीम इंडिया के मुख्य कोच बनाने की बात चल रही थी, तब रवि शास्त्री बैंकॉक के एक स्विमिंग पूल में वक्त गुजार रहे थे, तब रवि शास्त्री कोच के रेस में पीछे रह गये और साल भर के बाद ही अनिल कुंबले का तख्ता पलट कर दिया, तब से शास्त्री कोच बने हुए हैं, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहली टेस्ट सीरीज जीतने के बाद मुख्य कोच ने जो कुछ कहा, उसके बाद वो सोशल मीडिया पर ट्रोलर्स के निशाने पर आ गये हैं।

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आलोचकों के निशाने पर शास्त्री
मुख्य कोच ने बताया कि वो अपने खेल के दिनों से आलोचकों के निशाने पर रहे हैं, शास्त्री के अनुसार वेस्टइंडीज के खिलाफ एक मैच था, मैं उसमें घायल था, मैच जारी था, तभी मुझे सुनाई दे रहा था शास्त्री हाय हाय, शास्त्री हाय हाय। मैं उस मुकाबले में खेल भी नहीं रहा था, ये भीड़ के लिये टाइम पास बन चुका है, हालांकि उन्होने ये भी कहा कि अगर आप उसी टीम के खिलाफ 50 या 100 बनाओं, तो लोग टोपी फिरा लेते हैं और तालियां बजाने लगते हैं।

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गावस्कर ने नशा उतार दिया था
एक वाकये का जिक्र करते हुए शास्त्री ने बताया कि वो पाकिस्तान के एक होटल के बैठ शराब पी रहे थे, तभी सुनील गावस्कर ने उनके कमरे का दरवाजा खटखटाया, गावस्कर ने उनसे कहा कि रवि अगले टेस्ट में तुम ओपनिंग करेंगे, तब रवि शास्त्री संदीप पाटिल के साथ बैठ शराब पी रहे थे और नशे में थे, लेकिन जैसे ही गावस्कर ने बताया कि वो अगले टेस्ट में ओपनिंग करने वाले हैं, उनका पूरा नशा खत्म हो गया, शास्त्री के अनुसार मैं मौके का इंतजार कर रहा था और मौके लपकने पड़ते हैं।

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तकनीक में खिलाड़ियों को करते हैं मदद
रवि शास्त्री के कोचिंग स्टाइल को भी साइडलाइन नहीं किया जा सकता, क्योंकि विराट से लेकर अश्विन तक कह चुके हैं कि शास्त्री ने उन्हें तकनीकी सहायता मुहैया कराया, रवि शास्त्री को एटिट्यूड वाला और अनिल कुंबले को अनुशासित बताना उनके साथ बिल्कुल न्याय नहीं होगा, शास्त्री सिर्फ साइकोलॉजिकल मेंटर भर नहीं हैं, वो खिलाड़ियों को तकनीक के बारे में भी बताते हैं और उनकी मदद करते हैं।

इरादे पर सवाल नहीं
नेट्स पर शास्त्री बल्लेबाजों के पास खड़े होते हैं, उन्हें शॉट खेलने के पीछे का तर्क समझाते हैं, निजी बातचीत में कई खिलाड़ियों ने शास्त्री की तारीफ की है, उनके फैसले पर तो सवाल उठ सकते हैं, लेकिन इरादे पर नहीं है, रवि शास्त्री ने खुद भी माना है कि उनसे कई गलतियां हुई है।