नसीरुद्दीन को उनके बयान पर परेश रावल ने सुनाई खरी-खरी, दो टूक बयान की हर जगह हो रही तारीफ

नसीरुद्दीन शाह के बयान ने देश में एक बार फिर अ‍सहिष्‍णुता का मुद्दा भड़का दिया है । देश एक बार फिर दो धड़ों में बंआ है, कुछ चुपचाप सब देख चुन रहे हैं लेकिन कुछ बोल नहीं रहे हैं । परेश रावल ने ऐसे बयानों पर अपना दो टूक बयान दिया है ।

New Delhi, Jan 10 : जिस देश में जन्‍म लिया है, जिस देश ने दाना-पानी दिया, जिस देश ने लोकप्रियता के मुकाम तक पहुंचाया आज उस देश में उसी शख्‍स को डर लगता है तो ये सोचने वाली बात है । आखिर डर लगता क्‍यों हैं और कहीं डर लगने के पीछे कोई और वजह तो नहीं है । क्‍योंकि डरने के नाम पर ना तो ऐसे लोगों के पास कोई सुबूत हैं हैं तो सुनी सुनाई बातें, आधे सच आधे फसाने । बहरहाल नसीरुद्दीन शाह भी कुछ दिनों से देश में डरे हुए हैं, उन्‍हें डर लगता है कि कोई उनकी औलाद से ये पूछ लेगा कि वो हिंदू है या मुसलमान तो वो क्‍या जवाब देंगे । बहरहाल नसीर साहब के इन सवालों का जवाब उन्‍हीं के समकक्ष एक अभिनेता और नेता परेश रावल ने दिया है ।

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परेश रावल का झन्‍नाटेदार जवाब
नसीरुद्दीन शाह के बयान पर जब हाल ही में परेश रावल से पूछा गया कि वो इस बारे में क्‍या सोचतेहैं तो उन्‍होने कहा कि – “नसीर ने ये बात कही, यह इस बात का सबूत है कि इस देश में अभिव्यक्ति की आज़ादी है। उनके इतना कुछ कहने के बाद भी किसी ने पत्थर उठा कर नहीं मारा, न ही किसी ने आपके बाल पकड़े।”

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नसीरुद्दीन की बात से कोई इत्‍तेफाक नहीं
परेश रावल ने बीबीसी को दिए अपने इंटरव्‍यू में बहुत ही सफाई से कहा कि वो नसीर की बातों से बिल्कुल भी इत्तेफ़ाक़ नहीं रखते। इसकी वजह बताते हुए वो कहते हैं कि वो जिस सरकार के बारे में बोल रहे हैं उनके मुखिया नरेंद्र मोदी हैं। वो ही नरेंद्र मोदी जिन्होंने 14 साल गुजरात में राज किया। परेश ने कहा –  “मैंने देखा था उस वक़्त मीडिया में एक दिन भी ऐसा नहीं था जब मोदी को अख़बार के पहले पन्ने या आख़िरी पन्ने पर गालियां नहीं मिलती थीं, वो भी पूरे 14 साल तक।” “इन सबके बावजूद भी किसी भी पत्रकार को न कभी रोका गया और न ही उस अख़बार को बंद करने की धमकी दी गई है।”

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‘गुजरात बना मिसाल’
परेश रावल ने आगे कहा – “मोदी का अक्सर यही कहना रहा है कि अगर मुझे गाली देकर आपकी रोज़ी रोटी चलती है तो मैं आपकी ख़ुशी की वजह बन सकता हूं। इतना कुछ होने के बाद भी इन 14 सालों में न गुजरात में कर्फ़्यू लगा और न ही दंगे हुए। अब ऐसे में आप ये कहेंगे कि सरकार हमको सुरक्षित नहीं रखेगी, जेल में डाल देगी, पत्रकारों को जेल में डाल देगी। बात है एमनेस्टी इंटरनेशनल पर जो जांच निकली है वो इसलिए क्योंकि इसने घपला किया है। लेकिन क्या उन लोगों की जांच पड़ताल हुई जो मोदी को गाली देते हैं।”

‘नसीर के बयान का बहुत लोगों ने फायदा उठाया’
परेश रावल ने यहां कहा – आपने इस देश में बोला, ये इस बात का सबूत है कि आप इस देश में रहते हैं। आप ये देश छोड़ कर नहीं गए। आपके बोलने के बाद भी आपको कोई रिएक्शन नहीं हुआ, ये इस बात का सबूत है कि जो आप बोलते हैं, चाहते हैं, समझते हैं वैसे हालात नहीं हैं। किसी ने भी आपको पत्थर उठा कर नहीं मारा, किसी ने भी आपके बाल नहीं पकड़े, किस बात का ख़ौफ़ है?”