इस खूबसूरत युवती को एक नहीं बल्कि तीन बार मिली मौत की सजा, जुर्म सुन रह जाएंगे सन्न

नेहा वर्मा ने बताया था कि एक दिन इंदौर के एक मॉल में उनकी मुलाकात 45 वर्षीय मेघा देशपांडे से हुई, बातचीत के दौरान दोनों की दोस्ती हो गई।

New Delhi, Jan 18 : वो तारीख थी 19 जून 2011 की, जब एक ही परिवार के 3 पीढियों की महिलाओं को हमेशा के लिये सुला दिया गया, इस जघन्य अपराध ने हर किसी को भीतर तक झकझोर कर रख दिया, इस केस में सबसे खास बात ये है कि इस वारदात की मास्टरमाइंड खुद एक लड़की थी, आइये विस्तार से आपको बताते हैं कि मेघा देशपांडे केस के बारे में, इस केस में आरोपियों को तीन बार फांसी की सजा मिली है।

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ब्यूटी पॉर्लर में काम करती थी आरोपी
इस केस की मास्टरमाइंड और मुख्य आरोपी 27 वर्षीय नेहा वर्मा ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर इस वारदात को अंजाम दिया था, देखने में बेहद खूबसूरत नेहा इंदौर के एक ब्यूटी पॉर्लर में काम करती थी, नेहा रोहित नाम के दूसरे आरोपी से प्यार करती थी और शादी करना चाहती थी, लेकिन दोनों के पास शादी कर घर बसाने के लिये पैसे नहीं थे, इसी वजह से आरोपी ने इस वारदात को अंजाम दिया।

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मॉल में मेघा देशपांडे से मुलाकात
नेहा वर्मा ने बताया था कि एक दिन इंदौर के एक मॉल में उनकी मुलाकात 45 वर्षीय मेघा देशपांडे से हुई, बातचीत के दौरान दोनों की दोस्ती हो गई, मेघा आर्थिक रुप से काफी सुखी-संपन्न थी, उनके पति निरंजन देशपांडे बैंक में अधिकारी थे, पति की ड्यूटी दूसरे शहर में थी, मेघा ने बातचीत के दौरान ही नेहा को बताया कि उनके घर पर बेटी अश्लेषा और उनकी सास के अलावा कोई और नहीं रहता है।

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डाका डालने की योजना
युवती ने अपने प्रेमी रोहित के साथ मिलकर उनके घर डाका डालने की योजना बनाई, पहले उसने उनके घर की रेकी की, फिर 19 जून 2011 को किसी मार्केटिंग कंपनी का फॉर्म लेकर वो मेघा देशपांडे के घर पहुंची, फिर उनके घर के फोन से ही अपने प्रेमी को फोन कर बुलाया, रोहित ने अपने साथ मनोज नाम के एक दोस्त को ले आया, घर में घुसते ही रोहित ने मेघा देशपांडे के सिर में गोली मार दी, फायरिंग की आवाज सुन उनकी बेटी अश्लेषा (23 साल) और सास रोहिणी (70 साल) भी भागते हुए बाहर आये, रोहित और मनोज ने दोनों पर चाकूओं से ताबड़तोड़ हमले किये, चंद मिनट में ही देशपांडे परिवार की तीन पीढियों की महिलाएं जमीन पर लहूलूहान पड़ी थी, घटना को अंजाम देने के बाद घर में जो भी कीमती सामान मिला, उसे लेकर वो फरार हो गये।

तीन बार फांसी
भारतीय कानून के अनुसार अपराध साबित होने तक एक बार ही फांसी दी जा सकती है, लेकिन न्यायालय ने इस मामले को रेयरेस्ट ऑफ द रेयर माना और हर अपराधी को तिहरी सजा सुनाई, तीनों ही आरोपियों को तीन बार फांसी की सजा सुनाई इसके साथ ही एक-एक हजार रुपये जुर्माना भी लगाया।