लोकसभा चुनाव से पहले गुजरात में कांग्रेस को जोरदार झटका, ‘ताकतवर’ होती जा रही बीजेपी

जीतू वघानी ने कहा कि बीजेपी और आशा पटेल के बीच किसी भी तरह के समझौते के कोई सवाल नहीं है, बीजेपी कभी भी खरीद-फरोख्त में लिप्त नहीं रही है।

New Delhi, Feb 09 :  लोकसभा चुनाव से पहले गुजरात में सियासी हलचल तेज हो गई है, कुछ दिन पहले ही कांग्रेस विधायक पद से इस्तीफा देने वाली आशा पटेल शुक्रवार को सत्तारुढ बीजेपी में शामिल हो गई है, आपको बता दें कि आशा पटेल ने 2 फरवरी को कांग्रेस से इस्तीफा दिया था, बीजेपी की राज्य ईकाई प्रमुख जीतू वघानी और हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर की उपस्थिति में उत्तर गुजरात के पाटन में आशा पटेल और उनके कुछ समर्थक बीजेपी में शामिल हुए।

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अंदरुनी खींचतान की वजह से छोड़ी कांग्रेस
आशा पटेल के सौदे के तहत बीजेपी में शामिल होने के आरोपों को खारिज करते हुए जीतू वघानी ने कहा कि अंदरुनी खींचतान की वजह से विधायक ने कांग्रेस छोड़ी, कार्यक्रम के बाद जीतू वघानी ने संवाददाताओं से कहा कि हम अपनी पार्टी में आशाबेन का स्वागत करते हैं।

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कोई डील नहीं हुई
जीतू वघानी ने कहा कि बीजेपी और आशा पटेल के बीच किसी भी तरह के समझौते के कोई सवाल नहीं है, बीजेपी कभी भी खरीद-फरोख्त में लिप्त नहीं रही है, लोगों का बेहतर तरीके से सेवा के लिये वो बीजेपी में शामिल हुई हैं, हम उनका स्वागत करते हैं।

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कलह की वजह से दिया इस्तीफा
आपको बता दें कि इससे पहले बीते शनिवार को उन्होने अंदरुनी कलह का हवाला देते हुए विधानसभा सदस्य और पार्टी से इस्तीफा दे दिया था, आशा पटेल ने ऊंझा सीट से कांग्रेस को जीत दिलाई थी, अब लोकसभा चुनाव से ठीक पहले ये कांग्रेस के लिये बड़ा झटका माना जा रहा है, ऊंझा महेसाणा लोकसभा सीट के अंतर्गत आता है।

घट रही है कांग्रेस के विधायकों की संख्या
मालूम हो कि इससे पहले कांग्रेस के ही पूर्व विधायक कुंवरजी बावलिया ने पिछले साल जुलाई में कांग्रेस का दामन छोड़ बीजेपी में शामिल हो गये थे, विजय रुपाणी की अगुवाई में चल रही सरकार में उन्हें मंत्री बनाया गया था, फिर उपचुनाव में उन्होने जसदण सीट से बीजेपी के टिकट पर जीत हासिल की थी, साल 2017 के विधानसभा चुनाव में 182 सीटों में से बीजेपी ने 99 सीटें और कांग्रेस ने 77 सीटें हासिल की थी, अब कांग्रेस के विधायकों की संख्या घटकर 75 हो गई है।