कपिल सिब्बल का ‘दोहरा चेहरा’, कोर्ट में पैरवी और बाहर साधते हैं निशाना, अंबानी की वजह से ट्रोल हुए पूर्व मंत्री

सुप्रीम कोर्ट में पेश होने से पहले सिब्बल कांग्रेस नेता के किरदार में दिखे, उन्होने अनिल अंबानी के खिलाफ ट्वीट किया।

New Delhi, Feb 13 : पूर्व केन्द्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल मंगलवार को दो रोल निभाते नजर आये, एक ओर तो उन्होने अपने पेशा वकील का रोल निभाया, तो कुछ देर बाद कांग्रेस नेता के किरदार में आ गये, सिब्बल सुप्रीम कोर्ट में अनिल अंबानी की पैरवी करते नजर आये, तो फिर कुछ देर बाद वो राफेल मामले में उनकी आलोचना भी की।

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रिलायंस कम्युनिकेशन द्वारा रिलायंस जियो को 550 करोड़ में अपनी प्रॉपर्टी बेचने के बाद एरिक्सन इंडिया ने रिलायंस कम्युनिकेशन के चेयरमैन के खिलाफ अवमानना का केस दायर किया है, इसी मामले में सिब्बल अनिल अंबानी का पक्ष रखने के लिये कोर्ट में पेश हुए, कपिल सिब्बल और मुकुल रोहतगी ने ये कहा कि अनिल अंबानी के खिलाफ कोर्ट की अवमानना का कोई केस नहीं बनता है, कोर्ट ने अनिल अंबानी को बुधवार को फिर कोर्ट में पेश होने के लिये कहा है।

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ये कॉरपोरेट फाइट है
सुप्रीम कोर्ट में अंबानी का पक्ष रखने के बाद कपिल सिब्बल ने इस मामले में सफाई भी दी, उन्होने एक निजी न्यूज चैनल से बात करते हुए कहा कि मैं एरिक्सन के खिलाफ रिलायंस कम्युनिकेशन का पक्ष रख रहा था, इसका अनिल अंबानी से कुछ भी लेना-देना नहीं है, ये कॉरपोरेट फाइट है, अनिल अंबानी उसके एमडी हैं, मैं पिछले बीस सालों से उनके लिये कोर्ट में पेश हो रहा हूं।

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अंबानी के खिलाफ ट्वीट
सुप्रीम कोर्ट में पेश होने से पहले सिब्बल कांग्रेस नेता के किरदार में दिखे, उन्होने अनिल अंबानी के खिलाफ ट्वीट किया, जिस समय कपिल सिब्बल सुप्रीम कोर्ट में अंबानी का बचाव कर रहे थे, उसी समय उनके पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी छोटे अंबानी पर निशाना साध रहे थे।

अंबानी के लिये बिचौलिए का काम
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर आरोप लगाते हुए कहा था कि वो अनिल अंबानी के बिचौलिए के रुप में काम कर रहे हैं, उन्होने एक ई-मेल का हवाला देते हुए कहा था कि राफेल विमान सौदे से 10 दिन पहले अनिल अंबानी ने पेरिस में फ्रांस के रक्षा मंत्री से मुलाकात की थी, साथ ही उन्होने ये भी आरोप लगाया था कि जब इस डील की रक्षा मंत्री और विदेश सचिव को जानकारी नहीं थी, तो अनिल अंबानी इस डील के बारे में जानते थे। रिलायंस की ओर से बयान जारी कर कहा गया था, कि तथ्यों को जानबूझकर तोड़ा-मरोड़ा जा रहा है, वास्तविकता को नजरअंदाज किया जा रहा है, उस यात्रा का राफेल सौदे से कोई लेना-देना नहीं है।