एक्शन में मोदी सरकार, अलगाववादी नेताओं पर चलाया ‘हंटर’, घाटी में ‘हड़कंप’
होम मिनिस्ट्री के सूत्रों के मुताबिक जिन हुर्रियत और अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा वापस ली गई है, उनमें सैयद अली शाह गिलानी और यासिन मलिक के अलावा कई नाम शामिल हैं।
New Delhi, Feb 21 : पुलवामा हमले के बाद भारत सरकार के तेवर सख्त हैं, बुधवार को सरकार ने अपने तेवर दिखाते हुए जम्मू-कश्मीर के 18 अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा वापस ले ली, जिनमें हुर्रियत प्रमुश सैयद अली शाह गिलानी और जेकेएलएफ सुप्रीमो यासिन मलिक का भी नाम शामिल है, पिछले 4 दिनों में सरकार ने 23 अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा वापस ली है।
इनकी सुरक्षा वापस
होम मिनिस्ट्री के सूत्रों के मुताबिक जिन हुर्रियत और अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा वापस ली गई है, उनमें सैयद अली शाह गिलानी और यासिन मलिक के अलावा आगा सैयद मौसवी, मौलवी अब्बास अंसारी समेत कई चर्चित नाम है, जिन पर कश्मीरी युवाओं को भड़काने का भी आरोप लगता रहा है।
155 राजनीतिक लोगों की सुरक्षा हटी
गृह मंत्रालय ने आईएएस टॉपर और नौकरी से इस्तीफा देकर राजनीति में आने वाले शाह फैसल और पीडीपी नेता वाहिद पररे समेत 155 लोगों की सुरक्षा हटाई है, सूत्रों का दावा है कि इन्हें मिली सुरक्षा का समीक्षा किया गया, जिसमें पाया गया कि उनकी गतिविधियां और धमकियों के मद्देनजर इन लोगों को सुरक्षा की कोई जरुरत नहीं रह गई है, इसी वजह से इनकी सुरक्षा वापस ली गई।
एक हजार पुलिसकर्मी और 100 गाड़ियां मुक्त
आपको बता दें कि जिन अलगाववादी नेताओं और राजनीतिक लोगों की सुरक्षा हटाई गई है, उनकी सुरक्षा में करीब 1000 पुलिसकर्मी और 100 गाड़ियां लगी हुई थी, अब इनका इस्तेमाल पुलिस विभाग दूसरे कामों में कर सकता है, कहा जा रहा है बेहतर सुरक्षा व्यवस्था के लिये इन पुलिसकर्मियों की तैनाती की जाएगी।
अलगाववादी को सुरक्षा नहीं मिलेगी
रविवार को भी कुछ अलगाववादी और हुर्रियत नेताओं की सुरक्षा हटाई गई थी, सरकार की ओर से साफ कहा गया है कि किसी भी अलगाववादी नेता को अब किसी भी स्थिति में सुरक्षा मुहैया नहीं कराई जाएगी, अगर किसी को ऐसी सुविधा दी जा रही है, तो तत्काल प्रभाव से उसे भी वापस ले लिया गया है।