शहादत पर ‘जातिवाद’ फैलाने वाले आर्टिकल की CRPF अफसर ने उड़ाई धज्जियां, रोहित सरदाना ने भी नहीं छोड़ा
पुलवामा में 40 जवान शहीद हो गए, देश उनकी शहादत पर आंसू बहा रहा है ओर ऐसे माहौल में कुछ ऐसे भी हैं जो जाति, धर्म से ऊपर ही नहीं उठना चाहते । सीआरपीएफ ने ऐसे लोगों को अच्छा सबक सिखाया है ।
New Delhi, Feb 23 : पुलवामा हमले को लेकर जहां देश में गुस्सा है, दुख है, रोष है, बदला लेने का जुनून हैं वहीं सियासत भी जोरों पर हैं । ऐसे माहौल में जब देश एकसाथ खड़ा है तो उसे जातिवाद का रंग देकर शहादत में भी अपना फायदा ढूंढने वाले कम नहीं । एक ऐसा ही लेख कारवां नाम की एक मैगजीन में आया जिसमें शहादत देने वाले जवानों की जाति को लेकर पोस्टमॉर्टम किया गया । इस आर्टिकल के सामने आते ही सीआरपीएफ ने इसका करारा जवाब दिया । शहादत की जाति बताने वाले इस लेख की सीआरपीएफ अफसर ने धज्जियां उड़ा दीं ।
सीआरपीएफ अफसर ने दिया करारा जवाब
सीआरपीएफ के मुख्य प्रवक्ता और उप महानिरीक्षक (डीआईजी) मोसेज दिनाकरण ने इसमैगजीन के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए लिखा – “सीआरपीएफ में हमारी पहचान भारतीय के तौर पर है…जाति, रंग और धर्म का यह दयनीय विभाजन हमारे खून में मौजूद नहीं है । शहीदों का अपमान नहीं करना चाहिए । रिपोर्ट में आंकड़ों के रूप में इस्तेमाल कर उनका अपमान नहीं करना चाहिए ।
दिनाकरण के ट्वीट पर एक्शन
वहीं सीआरपीएफ प्रवक्ता के इस करारे ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए रिटायर्ड मेजर गौरव आर्या लिखते हैं, “दिनकरण सर, आप पर गर्व है । आपके एक ट्वीट ने निंदनीय लेख को खारिज कर दिया । जब कोई जवान एक बार वर्दी पहन लेता है, वह अपनी अन्य पहचान छोड़ देता है । वह सिर्फ भारतीय होता है । जब उसका पार्थिव शरीर तिरंगे में लिपटा हुआ वापस आता है तो वह भारत मां का बेटा होता है ।”
रोहित सरदाना का ट्वीट
वहीं शहादत पर जातिवाद की राजनीति करने वालों को वरिष्ठ पत्रकार रोहित सरदाना ने भी आईना दिखाते हुए ट्वीट किया । उन्होने कारवां के आर्अिकल का जिक्र तो नहीं किया लेकिन ट्वीट का इशारा उसी ओर था । सरदाना ने लिखा – शहादत की जात बताने वालों, आतंक का धर्म भी पता कर दो ना ! आपको बता दें कारवां नाम की इस राजनीतिक पत्रिका ने अपने ट्वीट में लिखा कि शहीद होने वाले जवानों में जयादातर लोअर हिंदू कास्ट को बिलॉन्ग करते थे, जिनके बारे में कुछ नहीं कहा गया । बहरहाल सीआरपीएफ की ओर से मिले जवाब के बाद ऐसी पत्रिकाएं अब जाति के नाम पर शहादत को तौलने से पहले सौ बार जरूर सोचेंगी ।
So proud of @dhinakaran1464 Sir. One Tweet demolishes the despicable article. Once a soldier wears the uniform, he loses every other identity. He is INDIAN. When he comes back wrapped in a tricolour, he becomes the nation’s son. @crpfindia https://t.co/zhacHOkLRX
— Major Gaurav Arya (Retd) (@majorgauravarya) February 22, 2019
We in CRPF identify ourself as Indians. Not more, not less. This pathetic divisiveness of caste, color, and religion doesn't exist in our blood. You should strictly refrain from insulting all the martyrs. They are not statistics for your demeaning and meaningless write-up. https://t.co/SOlRUwF878
— Moses dhinakaran (@dhinakaran1464) February 22, 2019
शहादत की जात बताने वालों, आतंक का धर्म भी पता कर दो ना!
— रोहित सरदाना (@sardanarohit) February 22, 2019