पुलवामा: हमले पर CRPF का बड़ा खुलासा, आतंकियों को ऐसे मिली सेना की बड़ी जानकारी, हाथ लगे अहम सबूत

वहीं मामले में सीआरपीएफ की पहली ऑफिशियल रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि कैसे अहमद डार नाम के इस शख्‍स को कार मे बिठाकर उसी गाड़ी से टकराया गया जिसमें सीआरपीएफ के सबसे ज्‍यादा जवान बैठे थे ।

New Delhi, Feb 23 : पुलवामा हमले के लिए इस्‍तेमाल हुई कार में बैइे आतंकी ने आखिर कैसे उसी बस को हिट किया जिसमें सबसे ज्‍यादा जवान बैठे थे । सीआरपीएफ ने इस मामले में दो बड़े खुलासे किए हैं । सीआरपीएफ ने बताया कि कैसे आतंकी अहमद डार को इस बारे में पता चला, कैसे उसे पता चला कि किस बस में सबसे ज्‍यादा जवान बैठे हैं । गौरतलब है कि पुलवामा हमले में आतंकी द्वारा विस्फोटक से भरी आत्मघाती कार का इस्तेमाल किया गया, इसे लेकर हुई जांच में अहम राज सामने आए हैं ।

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इस्‍तेमाल कार से जुड़ी जांच
जांच अधिकारियों ने जब इस हमले में शामिल हुई गाड़ी के बारे में कंपनी मारूती से संपर्क कियातो पता चला कि ये गाड़ी ईको थी, 2010-11 में इस कार को तैयार किया गया था और इसे दोबारा पेंट भी करवाया गया था । वहीं मामले में सीआरपीएफ की पहली ऑफिशियल रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि कैसे अहमद डार नाम के इस शख्‍स को कार मे बिठाकर उसी गाड़ी से टकराया गया जिसमें सीआरपीएफ के सबसे ज्‍यादा जवान बैठे थे ।

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सीआरपीएफ की रिपोर्ट
जानकारी के अनुसार सीआरपीएफ की ओर से जारी पहली आधिकारिक रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि हमले से पहले काफिले की शुरुआत में ही 2 बसें खराब हो गई थीं । जिसके बाद कॉनवे में चल रही करीब 14 बसों को रोक दिया गया था । इसी वजह से आतंकियों को टारगेट में आसानी हो गई । आतंकी ने देख लिया था कि किस बस में सबसे ज्‍यादा जवान बैटठे हैं, और कैसे उसी बस को टारगेट करने से सीआरपीएफ को ज्‍यादा से ज्‍यादा नुकसान पहुंचाया जा सकेगा ।

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कार के बारे में मिली अहम जानकारियां
जांच एजेंसियों ने हमले में इस्‍तेमाल कार के बारे में भी जांच की । हालांकि अभी किसी भी नतीजे पर पहुंचना मुश्किल है लेकिन जांच एजेंसियां लगातार जांच में जुअी है । अफसरों ने घटनास्थल का दोबारा दौरा भी किया, और कुछ और नमूने भी इकठ्ठे किए । अधिकारी घटनास्‍थल के आसपास के क्षेत्र को भी टटोल रहे हैं । चश्‍मदीदों के मुताबिक जब कार गाड़ी से टकराई तो ये विस्‍फोट इतना तेज था कि कार का मलबा 150 से 200 मीटर दूर तक उड़ गया था । आसपास के रिहायशी इलाकों में भी इसके अवशेष पाए गए । जांच के दौश्रान कार के कुछ हिस्‍से और पाए गए हैं ।

इस रंग की थी गाड़ी
गाड़ी का रंग लाल बताया जा रहा है । जांचकर्ताओं को एक जैरीकेन, जिसमें  तरल पदार्थ जैसे पेट्रोल या फिर पानी रखा जाता है और धातु के कुछ टुकड़े मिले हैं । इसी जैरिकेन में आरडीएक्‍स को रखे जाने का शक जा रहा है । जिससे गाड़ी में रखा आईईडी बनाया गया। गाड़ी के जो हिस्से जांच के दौरान मिले हैं उनसे पता करने की कोशिश की जा रही है कि ये गाड़ी कब तैयार की गई । फिलहाल गाड़ी से जुड़ा कोई सुराग जांचकर्ताओं को नहीं मिल पाया है । जांचकर्ताओं के अनुसार गाड़ी चोरी कर कश्‍मीर लाने की संभावना जताई जा रही है  । ऐसा भी हो सकता है कि निजी वाहन हो । गाड़ी को चलाने वाले आतंकी का नाम आदिल अहमद डार था ।