‘मोदिया हमन के गैस और शौचालय दे के बड़ मनई बना देहलस’

एन डी ए अगर एक सीट भी जादुई आंकड़े से दूर रहती है तो सेक्यूलरिज्म का चौसड़ पर वह बहुमत से सर्वदा दूर रहेगी ।

New Delhi, Mar 12 : कांग्रेस ने एक नया नारा गढ़ा है : 23 मई . भाजपा गई , सरकार नई। दूसरे , ए बी पी न्यूज ने अपने सर्वे में हंग पार्लियामेंट बता कर कांग्रेस को जैसे सांस दे दी है । सर्वे के मुताबिक़ एन डी ए को 264 , यू पी ए को 141 , अन्य को 138 सीट मिल रही है। सर्वे के मुताबिक उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा गठबंधन को 47 सीट मिल रही है । गरज यह कि भाजपा हाफ हो रही है उत्तर प्रदेश में। और एन डी ए बहुमत के जादुई आंकड़े से 8 सीट दूर । अगर यह सर्वे सच होता है तो कांग्रेस और यू पी ए को अभी से बधाई ! क्यों कि एन डी ए अगर एक सीट भी जादुई आंकड़े से दूर रहती है तो सेक्यूलरिज्म का चौसड़ पर वह बहुमत से सर्वदा दूर रहेगी । यहां तो 8 सीट की दूरी है । यह समंदर जैसी दूरी है ।

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गो कि मैं उत्तर प्रदेश की ज़मीनी राजनीति को बतौर राजनीतिक पर्यवेक्षक बहुत करीब से एक अरसे से देखने का आदी हूं। इस बिना पर कृपया मुझे यह कहने दीजिए कि ए बी पी का सर्वे 23 मई को चारो खाने चित्त होने जा रहा है । चाहिए तो मेरी इस पोस्ट को नजीर के तौर सेव कर के रख लीजिए। ताकि सनद रहे और वक्त ज़रूरत काम आए। लिख कर रख लीजिए कि भाजपा गठबंधन उत्तर प्रदेश में सत्तर से अधिक सीट ला रहा है और कि संसद में 350 से अधिक सीट पा कर बहुत आसानी से जादुई आंकड़ा पार कर रहा है । अभी बीते हफ्ते दिल्ली से लौटा हूं , वाया कानपुर । और कि कल ही गोरखपुर के अपने गांव से लौटा हूं तीन दिन रह कर। गांव-गांव , उज्ज्वला , शौचालय , बिजली और सड़कों का जाल , बंपर नौकरियों की वेकेंसी और तमाम अन्य काम बोल रहे हैं । गैस और शौचालय पर गांव के कुछ निर्बल , पिछड़ी और दलित जाति के लोगों से बात की । इन का कहना था कि , ‘ मोदिया हमन के गैस और शौचालय दे के बड़ मनई बना देहलस । ‘ गरज यह कि गैस और शौचालय इन के लिए स्टेट्स सिंबल का सबब है ।

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विंग कमांडर अभिनंदन की पाकिस्तान से तीन दिन के भीतर सकुशल अपनी शर्तों पर वापसी और एयर स्ट्राइक का जो असर है जनता जनार्दन में वह बेहिसाब है। तो कांग्रेस इस बार भी संसद में डबल डिजिट पर ही टिकी रहने वाली है , यह भी लिख लीजिए । उत्तर प्रदेश में सपा बसपा मिल कर भी दहाई पार नहीं होने वालीं । यानि 10 की संख्या भी पार नहीं करने वालीं। यह बड़े-बड़े अक्षरों में लिख कर रख लीजिए । रही बात सर्वे तथा अन्य आकलन की तो चचा ग़ालिब लिख ही गए हैं : हम को मालूम है ज़न्नत की हक़ीकत लेकिन / दिल के खुश रखने को ग़ालिब ये ख्याल अच्छा है । समय के दर्पण में जो दिख रहा है , वह मैं बता रहा हूं । विचारधारा , सिद्धांत , नफ़रत और पसंद से तथ्य और सत्य नहीं बदलते ।

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सर्जिकल स्ट्राइक , एयर स्ट्राइक जैसे मसलों पर सुबूत मांग-मांग कर , इमरान खान की तारीफ़ कर, कर विपक्ष ने जनता के बीच अपना क्या खो दिया है , जनता से कटे विपक्ष को इस बात का तनिक भी अंदाज़ा नहीं है। मुस्लिम तुष्टिकरण के फेर में आतंकवादियों और अलगाववादियों के ख़िलाफ़ चुप्पी , राफ़ेल पर बेवजह का हवा-हवाई बवंडर खड़ा करना भी विपक्ष को तार-तार कर गया है। मोदी विरोध में पाकिस्तानी नैरेटिव का झंडा उठाना बदरंग कर गया है विपक्ष को । टी वी चैनलों पर सेना के रिटायर्ड अफ़सरों की बातें सुनिए कभी ध्यान से , बात ज़्यादा समझ आ जाएगी । सरहद पर जान लड़ाने वाले सेना के यह रिटायर्ड अफ़सर भाजपाई नहीं , देशप्रेमी लोग हैं। कृष्ण बिहारी नूर का एक शेर है :
सच घटे या बढ़े तो सच न रहे
झूठ की कोई इंतिहा ही नहीं ।

 (वरिष्ठ पत्रकार दयानंद पांडेय के फेसबुक वॉल से साभार, ये लेखक के निजी विचार हैं)