मसूद अजहर पर फ्रांस की बड़ी कार्रवाई, चीन की मदद के बावजूद पाकिस्‍तान के अरमानों पर फिरा पानी

फ्रांस मसूद को यूरोपियन यूनियन की आतंकवादी सूची में शामिल करने को लेकर बात करेगा । जाहिर है मसूद अजहर पर ये दोहरी चोट होगी ।

New Delhi, Mar 16 : मसूद अजहर पर संयुक्त राष्ट्र चाहकर भी कार्रवाई नहीं कर पाया, चीन के वीटो पॉवर ने एक बार फिर इस प्रस्‍ताव को होल्‍ड पर डाल दिया । भारत और समर्थित देशों ने पूरी कोशिश की थी कि इस बार मसूद बच ना पाए । उसे ग्‍लोबल आतंकी घोषित करने से कोई रोक ना पाए । लेकिन हमेशा की तरह चीन ने अपनी शक्ति का दुरुपयोग किया और अपने फायदे के लिए इस प्रस्‍ताव को होल्‍ड पर डाल दिया । चीन के इस बर्ताव से अन्‍य देश बेहद नाराज हैं । जिनमें से फ्रांस ने अब खुद से ही सख्‍त एक्‍शन लेने की बात कही है ।

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फ्रांस करेगी संपत्तियां जब्‍त
जैश सरगना मसूद अजहर के ठिकानों पर भारत की एयरस्‍ट्राइक के बाद अब फ्रांस की ओर से भीकार्रवई की गई है । फ्रांस का कहना है कि वह अपने देश में जैश के सारे ठिकानों, संपत्तियों को जब्त करेगा । जैश के खिलाफ फ्रांस जैसे देश की ये यह सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है। मसूद अजहर को बचा के भले चीन अपनी रोटियां सेंक रहा हो लेकिन दूसरे देश अब ढिलाई के पक्ष में नहीं हैं ।

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यूरोपियन यूनियन के आतंकियों की लिस्‍ट में होगा मसूद
फ्रांस सरकार की ओर से उनके गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय की ओर से संयुक्‍त बयान जारी कर कहा गया है कि फ्रांस मसूद को यूरोपियन यूनियन की आतंकवादी सूची में शामिल करने को लेकर बात करेगा । जाहिर है मसूद अजहर पर ये दोहरी चोट होगी । वहीं  पाकिस्तान पर भी आतंकवादी मसूद पर पर कार्रवाई को लेकर जबर्दस्त दबाव बना हुआ है। पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर जो हुआ वो सबने देखा है, भारत के 40 जवान इस हमले में मारे गए । इस हमले की जिम्‍मेदारी जैश ए मोहम्‍मद ने ही ली थी ।

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फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका का था भारत को समर्थन
आपको बता दें पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद फ्रांस के नेतृत्व में ही ब्रिटेन और अमेरिका ने मसूद के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव पेश किया था। भारत लंबे समय से सुरक्षा परिषद को इस ओर ध्‍यान दिलाने की कोशिश कर रहा है । आपको बता दें संयुक्त राष्ट्र ने जैश पर तो प्रतिबंध लगाया है, लेकिन उससे संस्थापक यानी मसूद अजहर पर कोई बैन नहीं है । अजहर पाकिस्तान में पंजाब प्रांत के बहावलपुर में कौसर कालोनी में रहता है और उस पर कोई पाबंदी नहीं है । भारत के पठानकोट में जनवरी 2016 में वायु सेना के बेस पर जैश के हमले के बाद से ही भारत ने संयुक्त राष्ट्र में अजहर पर प्रतिबंध लगाने को लेकर अपनी कोशिशें तेज कर दी थीं। हालांकि तब भी चीन ने इसमें अडंगा लगाया और अपनी शक्तियों का दुरुपयोग किया ।