लंबी बीमारी के बाद सीएम मनोहर पर्रिकर का निधन, राष्ट्रपति ने शोक में कही बड़ी बात

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बेहद सादगी और बिना ताम-झाम के जीवन जीने वाले मनोहर पर्रिकर हमेशा जनता से जुड़े रहने की कोशिश करते थे, पीएम मोदी के करीबी माने जाने वाले पर्रिकर का जन्म 13 दिसंबर 1955 तो मापुसा में हुआ था ।

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New Delhi, Mar 17 : राजनीति के मिस्टर क्लीन कहे जाने वाले मनोहर पर्रिकर का आज लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया, मार्च 2017 में रक्षा मंत्री का पद छोड़कर चौथी बार वो गोवा के सीएम बने थे, बेहद सादगी और बिना ताम-झाम के जीवन जीने वाले मनोहर पर्रिकर हमेशा जनता से जुड़े रहने की कोशिश करते थे, पीएम मोदी के करीबी माने जाने वाले पर्रिकर का जन्म 13 दिसंबर 1955 तो मापुसा में हुआ था, उनका पूरा नाम मनोहर गोपालकृष्णन प्रभु पर्रिकर था, वो देश के पहले आईआईटीयन सीएम थे।

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गोवा में बीजेपी के पहले सीएम
मनोहर पर्रिकर गोवा में बीजेपी के पहले सीएम थे, उन्हें पार्टी का संकट मोचक माना जाता था, क्योंकि साफ-सुथरी छवि और मिलनसार व्यवहार की वजह से दूसरी पार्टी के नेता भी उनकी बहुत इज्जत करते थे। 24 अक्टूबर 2000 को पहली बार वो गोवा के मुख्यमंत्री बने, लेकिन उनकी सरकार दो साल ही चली, 27 फरवरी 2002 को उनकी सरकार चली गई, फिर 5 जून 2002 को दोबारा सीएम बनें। 2017 में वो चौथी बार मुख्यमंत्री बने थे।

मोदी ने सौंपा था रक्षा मंत्रालय का जिम्मा
मनोहर पर्रिकर की साफ-सुथरी छवि को देखते हुए पीएम मोदी ने उन्हें रक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी थी, उनके रक्षा मंत्री रहते हुए सेना ने दो बड़े ऑपरेशन को अंजाम दिया, जिसमें पीओके में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक भी शामिल है। फिर 2017 विधानसभा चुनाव में बीजेपी को कम सीटें आई, जिसके बाद सहयोगी दलों को मनाने के लिये उन्हें वापस सीएम बनाकर गोवा भेजा गया।

संघ से जुड़े थे
मनोहर पर्रिकर छात्र जीवन में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ गये थे, कहा जाता है कि सादगी और अनुशासन भरा जीवन संघ की दी देन थी, उनके बारे में कहा जाता है, कि वो स्कूटर से चला करते थे, उनकी सादगी की मिसालें दी जाती है। उनके निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शोक जताते हुए कहा कि उनके योगदान को गोवा और देश कभी भुला नहीं पाएगा।