मनोहर पर्रिकर ने ही सबसे पहले मोदी में देखा था प्रधानमंत्री, बेबाकी से दिये थे तर्क
मनोहर पर्रिकर ने तब पीटीआई को दिये एक इंटरव्यू में कहा था कि वो मोदी को पीएम उम्मीदवार बनाने के पक्ष में हैं।
New Delhi, Mar 17 : साल 2013 में वो मनोहर पर्रिकर ही थे, जिन्होने मोदी का नाम पीएम उम्मीदवार के तौर पर सबसे पहले आगे किया था, तब नरेन्द्र मोदी के नाम पर बीजेपी दो खेमों में बंटी नजर आ रही थी, कुछ लोग आडवाणी जी को ही पीएम उम्मीदवार बना कर चुनाव लड़ने के पक्ष में थे, तो कुछ का कहना था कि मोदी के नाम से पार्टी को नुकसान होगा, लेकिन तब मनोहर पर्रिकर खुलकर मोदी के पक्ष में आगे आये, उन्होने मोदी की प्रशासनिक क्षमताओं और उनकी लोकप्रियता की तारीफ करते हुए कहा था कि मोदी का चेहरा 2014 चुनाव में पार्टी की संभावनाओं का विस्तार करेगा।
पर्रिकर ने क्या कहा था
मनोहर पर्रिकर ने तब पीटीआई को दिये एक इंटरव्यू में कहा था कि वो मोदी को पीएम उम्मीदवार बनाने के पक्ष में हैं, उनका मानना है कि मोदी जी का चेहरा चुनाव से 6 महीने पहले ही सबके सामने रखना चाहिये, ताकि जनता को चयन करने में सहूलियत हो, सबकुछ साफ-साफ जनता के स्पष्ट रहे, वैसे ही पर्रिकर अपनी बेबाकी के लिये जाने जाते थे।
रणनीति और चेहरा तय
गोवा के तत्कालीन सीएम ने कहा था कि मुझे लोगों से जो राय मिल रहा है, उसके अनुसार मुझे पता है कि क्या सही है और क्या गलत, पर्रिकर के सारे बयान तब आये थे, जब गोवा में बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बेहद अहम बैठक चल रही थी, इसी बैठक में लोकसभा चुनाव की रणनीति और चेहरा दोनों तय होना था।
पर्रिकर का तर्क
बीजेपी के नेताओं के बीच मोदी की स्वीकार्यता को लेकर पूछे गये सवाल पर मनोहर पर्रिकर ने खुलकर मोदी का समर्थन करते हुए कहा था कि सरकार बनाने के लिये लोकप्रियता जरुरी है, फिर संख्या बल, उसके बाद स्वीकार्यता का नंबर आता है, उसका महत्व तो तब है जब आपके पास संख्या बल हो।
आडवाणी थे नाराज
2013 में गोवा कार्यकारिणी बैठक के समय बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी मोदी के नाम पर सहमत नहीं थे, जब मोदी को 2014 लोकसभा चुनाव के लिये प्रचार समिति का अध्यक्ष बनाया गया, तो वो वहां मौजूद नहीं थे, बैठक खत्म होने के बाद उन्होने पार्टी के तीन अहम पदों से इस्तीफा भी दे दिया था, हालांकि तत्कालीन बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया, लेकिन ये सच है कि बीजेपी के बड़े नेताओं में सबसे पहले पर्रिकर ही खुलकर उनके समर्थन में आये थे।