रात 9 बजे के बाद होगा होलिका दहन, सालों बाद बन रहा है मतंग योग, शुभ मौके पर ये काम जरूर करें
लगभग 7 साल बाद बृहस्पति के उच्च प्रभाव में दुल्हैंडी मनाई जाएगी । ज्योतिषाचार्यों के अनुसार होलिका दहन का मुहूर्त किसी भी अन्य त्योहार के मुहूर्त से ज्यादा महत्वपूर्ण है।
New Delhi, Mar 20 : होली है, इस त्यौहार को लेकर उतसाह ही कुछ अलग होता है । एक दूसरे पर रंग लगाने का मजा ही कुछ और होता है । गांव-देहातों में तो आज भी ऐसी होली खेली जाती है जिसका सुरूर एक साल तक रहता है । बहरहाल इस बार होली का त्यौहार गुरुवार यानी 21 मार्च को मनाया जाएगा । आज छोटी होली है, और रात होलिका दहन के साथ इस पर्व की शुरुआत हो जाएगी । होली से एक दिन पहले हालिका जलाई जाती है, आइए आपको बताते हैं इस वर्ष होलिका दहन का शुभ मुहूर्त कौन सा है और आपको इस समय क्या-क्या करना चाहिए ।
होलिका दहन का शुभ मुहूर्त
रंग और उल्लास का पर्व होली गुरुवार को मनाया जाएगा । होलिका दहन आज रात होगा । ज्योतिष जानकारों के अनुसार काफी समय बाद दोनों ही दिन मातंग योग बन रहा है। वहीं भद्रा के अधिक समय तक रहने के कारण इस बार होलिका दहन बुधवार रात्रि नौ बजे के बाद ही हो सकेगा । लगभग 7 साल बाद बृहस्पति के उच्च प्रभाव में दुल्हैंडी मनाई जाएगी । ज्योतिषाचार्यों के अनुसार होलिका दहन का मुहूर्त किसी भी अन्य त्योहार के मुहूर्त से ज्यादा महत्वपूर्ण है।
होलिका दहन
हिंदू धर्म में हर पर्व पर पूजा पाठ का विधान है । होली में रंग खेलने से पहले ईश्वर को रंग अर्पित किया जाता है, वहीं एक दिन पहले होलिका दहन कर अग्नि में कुछ खास वस्तुओं का दहन किया जाता है । इसलिए इसका मुहूर्त पर होना अति आवश्यक है । वैदिक काल में इस पर्व को नवान्नेष्टि कहा गया है । इसमें अधपके अन्न का हवन कर प्रसाद बांटने का विधान है। होलिका दहन के समय पवित्र अग्नि में जौ की बालियां डालते हैं । सरसों की उबटन, गुझिया, फल, मीठा और गुलाल से होलिका की पूजा करते हैं ।
होलिका दहन का शुभ मुहूर्त
ज्योतिष जानकारों के अनुसार इस वर्ष होलिका दहन का शुभ मुहूर्त रात्रि: 8:58 बजे से 12:13 बजे तक रहेगा । ऐसा भद्रा के अधिक देर तक लगने के कारण रहेगा । 20 मार्च को भद्रा पूंछ काल शाम 5:24 से 6:25 बजे तक है, जबकि भद्रा मुख शाम 6:25 से रात 8:07 बजे तक रहेगा ।
जानकारों के अनुसार भद्रा काल में होलिका दहन नहीं होता है । भद्रा विघ्नकारक मानी जाती है । इस समय होलिका दहन से अशुभ फलों की प्राप्ति होती है । इसीलिए भद्रा काल छोड़कर होलिका दहन किया जाता है। मुंबई और पश्चिम भारत में होलिका दहन के लिए मात्र 10 मिनट ही शुभ है, 8.57 से लेकर 9.09 तक । इसके बाद का समय अशुभ रहेगा ।