बेगूसराय का चुनाव दिलचस्प होगा, हवाई फायरिंग और मौखिक कमिश्नरी का आनंद लेने के लिये तैयार रहें

गिरिराज सिंह नीतीश कुमार के मुखर विरोधी हैं। नरेंद्र मोदी के लिए एक समय नीतीश कुमार को ठेंगे पर लिए घूमते थे गिरिराज सिंह।

New Delhi, Mar 24 : बिहार में राजद गठबंधन की जारी लिस्ट में बेगूसराय से जे एन यू फेम कन्हैया कुमार को किनारे कर दिया गया है। अब अकेले ही उन्हें लड़ना होगा । राजनीतिक बंदरबांट की मुश्किलें अपनी जगह हैं लेकिन बड़ा कारण जे एन यू में भारत तेरे टुकड़े होंगे इंशा अल्ला , इंशा अल्ला नारा भी बताया जा रहा है । यह तो बहुत साफ़ हो चुका है कि वामपंथी पार्टियां कांग्रेस के लिए आऊटसोर्सिंग का कार्य अब खुल्लमखुल्ला करने लगी हैं। लेकिन इस कांग्रेस ने भी वामपंथी कन्हैया कुमार को आज समर्थन का कंधा नहीं दिया। तब जब कि दिलचस्प यह कि भाजपा ने गिरिराज सिंह को बेगूसराय से ही टिकट दिया और गिरिराज सिंह का हाथ-पांव फूला हुआ है , एक कन्हैया कुमार के नाम से ।

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इसी लिए वह नवादा सीट पर ही , मैया मैं तो चंद्र खिलौना लैहों की तर्ज पर अड़े हुए हैं कि मैं तो नवादा से ही लडूंगा। या नहीं लडूंगा । लेकिन बेगूसराय नहीं जाऊंगा । लेकिन नवादा सीट समझौते में राम विलास पासवान को मिल चुकी है । पासवान भी नवादा छोड़ बेगूसराय के लिए तैयार नहीं हैं। कन्हैया कुमार के आगे पासवान को भी बेगूसराय सीट असुरक्षित लग रही है। राजद गठबंधन ने चुनावी लिहाज से यह एक बड़ी गलती की है, कन्हैया कुमार को अकेला छोड़ कर। अब तो गिरिराज सिंह फंसने के बजाय यह सीट शायद निकाल ले जाएंगे । हो सकता है फंस भी जाएं। इस पूरे मामले में बहुत संभव है पासवान के कंधे पर बंदूक रख कर नीतीश कुमार गिरिराज सिंह को निपटाने में लगे हों।

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गौरतलब है गिरिराज सिंह नीतीश कुमार के मुखर विरोधी हैं। नरेंद्र मोदी के लिए एक समय नीतीश कुमार को ठेंगे पर लिए घूमते थे गिरिराज सिंह। बहुत लाऊड भी हैं गिरिराज। 2014 के लोकसभा चुनाव बाद करोड़ो रुपए गिरिराज सिंह के घर से बिहार पुलिस ने बरामद किए थे। बाद में गिरिराज ने बताया कि यह पैसा उन के व्यवसाई भाई का था । जो भी हो इस दाग के बावजूद गिरिराज सिंह नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल के सदस्य बने तो सिर्फ़ इस लिए कि वह मोदी के पक्ष में नीतीश पर हवाई फायर करने के मास्टर थे। लेकिन अब मंज़र बदल गया है । मोदी , नीतीश हाथ में हाथ लिए साथ खड़े हैं। गिरिराज किनारे।

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अब इधर वही गिरिराज सिंह कन्हैया कुमार से कांप रहे हैं तो सिर्फ़ इस लिए कि कन्हैया कुमार उन से ज़्यादा और बड़ा हवाई फायरिंग का आचार्य है। भारत तेरे टुकड़े होंगे , इंशा अल्ला , इंशा अल्ला का गुनाहगार होगा लेकिन अभी कोर्ट ने इस बाबत चार्जशीट का संज्ञान नहीं लिया है । बल्कि चार्जशीट ही अभी खटाई में है। मौखिक कमिश्नरी के दोनों धुरंधर फ़िलहाल आमने-सामने हैं। अब जीते, हारे चाहे जो पर बेगूसराय का यह चुनाव दिलचस्प होने जा रहा है। हवाई फायरिंग और मौखिक कमिश्नरी का फुल आनंद लेने के लिए तैयार रहिए।

(वरिष्ठ पत्रकार दयानंद पांडेय के फेसबुक वॉल से साभार, ये लेखक के निजी विचार हैं)