क्‍या आप भी नवरात्र में प्‍याज- लहसुन नहीं खाते, धार्मिक के साथ ऐसा करने के वैज्ञानिक कारण भी हैं

दो मौसमों के संधिकाल के इस समय में मनुष्‍य की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है । इस काल में भोजन को पचाने में शरीर को अधिक कार्य करना पड़ता है ।

New Delhi, Apr 11 : नवरात्र के दौरान लोगों के खान-पान से जुड़े अपने – अपने विश्‍वास है । कुछ लोग उपवास करते हैं, कुछ नहीं करते हैं । जो करते हैं उनमें भी कुछ अनाज का सेवन कर लेते हैं एक समय, तो कुछ फलाहार पर रहते हैं । कुछ व्रत के नमक के साथ व्‍यंजन तैयार करते हैं । वहीं जो उपवास नहीं करते वो भी इन दिनों में लहसुन-प्‍याज का इस्‍तेमाल नहीं करते । मांस, मदिरा पान का तो सवाल ही नहीं उठता । प्‍याज लहसुन ना खाने के पीछे क्‍या कारण हो सकता है, ये सब्जियों में ही शामिल हैं । आइए आपको बताते हैं वो कारण जो धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों ही ओर से तार्किक हैं ।

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लहसुन-प्याज नहीं खाना
नवरात्र में लहसुन और प्याज न खाने की परंपरा का पालन लंबे समय से होता आ रहा है । क्‍या आप भी ऐसा करते हैं । धार्मिक कारणों पर गौर करें तो इन सब्जियों को तामसिक माना जाता है । यानी ऐसे खाद्य पदार्थ जो मन को भ्रमित करें । नवरात्र के शुभ दिनों में भक्‍त सदाचार का पालन करते हैं, ऐसे में इनके सेवन से मना किया जाता है । प्‍याज-लहसुन ना खाने के पीछे वैज्ञानिक कारण भी हैं आइए आपको आगे बताते हैं ।

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वैज्ञानिक कारण
चैत्र नवरात्र का ये पर्व मार्च या फिर अप्रैल महीने में आता है । ये काल दो मौसमों का संधिकाल होता है । सर्दियां खत्‍म हो रही होती हैं और गर्मी शुरू हो रही होती है । दो मौसमों के संधिकाल के इस समय में मनुष्‍य की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है । इस काल में भोजन को पचाने में शरीर को अधिक कार्य करना पड़ता है । नवरात्र के समय में जब सात्विक यानी प्‍याज-लहसुन के बिना खाना खाया जाता है तो इसे पचाना आसान रहता है ।

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तामसिक प्रवृत्ति से दूर रहने का समय
प्याज-लहसुन भारी भोजन की लिस्‍ट में आता है, यानी ऐसा खाना जिसे पचाने मुश्किल होती है । इन नौ दिनों में माता की भक्ति और संयम रखने की आवश्‍यकता होती है । जिसके लिए आध्यात्मिक ऊर्जा आवश्‍यक मानी गई है । इस काल में प्याज और लहसुन खाने के शरीर में गर्मी बढ़ती है, जिससे बापका मन कई प्रकार की इच्छाओं से भर सकता है । आप सुस्त भी हो सकते हैं । इन्‍हीं वजहों से पुराने काल से ही नवरात्र या धर्मिक अवसरों पर प्‍याज-लहसुन से दूर रहा जाता है ।