टीवी में एक्टिंग से पहले मोदी की ये मंत्री करती थी वेटर का काम, दोस्त के पति पर आ गया था दिल, कर ली शादी

साल 2001 में स्मृति ने पारसी बिजनेसमैन जुबिन ईरानी से शादी की, जुबिन की पहली पत्नी का नाम मोना था, जो स्मृति की अच्छी दोस्त थी।

New Delhi, Apr 11 : टीवी से पॉलीटिक्स तक स्मृति ईरानी का सफर बेहद शानदार रहा है, मॉडलिंग से एक्टिंग फिर वहां से सक्रिय राजनीति में आने वाले स्मृति ईरानी ने खूब संघर्ष भी किया है, लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी ने स्मृति को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ अमेठी से उम्मीदवार बनाया है। चलिये आज हम आपको स्मृति ईरानी के फर्श से अर्श तक की कहानी बताते हैं, कि कैसे कभी वेटर की नौकरी करने वाली आज मंत्री बनी हुई हैं।

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दिल्ली में जन्म
स्मृति ईरानी का जन्म 23 मार्च 1976 को दिल्ली में हुआ था, वो तीन बहनों में सबसे बड़ी हैं, उन्होने दिल्ली के होली चाइल्ड ऑक्जिलियम स्कूल से 12वीं तक की पढाई की, इसके बाद उन्होने स्कूल ऑफ लर्निंग (पत्राचार) से दिल्ली यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया, आपको बता दें कि जब स्मृति ईरानी को मोदी सरकार में मानव संसाधन एवं विकास मंत्री बनाया गया था, तो उनकी शिक्षा को लेकर काफी विवाद हुआ था।

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वेटर की नौकरी
स्मृति ईरानी ने मॉडलिंग करने से पहले एक चर्चित रेस्टोरेंट में वेटर की नौकरी की, हालांकि जल्द ही वो यहां से आगे निकली और मॉडलिंग करने लगी, साल 1998 में स्मृति ने मिस इंडिया पेजेंट फाइनलिस्ट में अपनी जगह बनाई, उसी साल वो मीका सिंह के एलबम सावन में लग गई आग के गाने पर परफॉर्म करती दिखी।

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टीवी में एंट्री
साल 2000 में स्मृति ईरानी ने सीरियल आतिश और हम हैं कल आज और कल से छोटे परदे पर एंट्री ली, हालांकि उन्हें पहचान एकता कपूर के शो क्योंकि सास भी कभी बहू थी से मिली, इस सीरियल ने स्मृति को तुलसी के रुप में घर-घर में फेमस कर दिया। स्मृति ने बताया था कि मैं 20 साल तक टीवी इंडस्ट्री से जुड़ी रही, इसने ही मुझे भारतीय राजनीति में आने का प्लेटफॉर्म दिया, इसके लिये मैं हमेशा टीवी इंडस्ट्री की आभारी रहूंगी।

दोस्त के पति पर आ गया दिल
साल 2001 में स्मृति ने पारसी बिजनेसमैन जुबिन ईरानी से शादी की, जुबिन की पहली पत्नी का नाम मोना था, जो स्मृति की अच्छी दोस्त थी, जुबिन मोना से अलग होने के बाद स्मृति से शादी की। साल 2003 में स्मृति ने बीजेपी ज्वाइन किया, अगले ही साल उन्हें महाराष्ट्र यूथ विंग की वाइस प्रेसिडेंट बना दिया गया, स्मृति चांदनी चौक से कपिल सिब्बल के खिलाफ चुनाव लड़ चुकी हैं, हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा, फिर 2014 लोकसभा चुनाव में उन्होने राहुल गांधी के खिलाफ अमेठी से ताल ठोंका, उन्हें हार मिला, लेकिन ईनाम में मोदी सरकार में मंत्री पद मिला, इस बार भी स्मृति अमेठी से ही चुनाव लड़ रही हैं।