लालू यादव से बड़ी डील चाहते थे नीतीश, राबड़ी देवी के खुलासे से बिहार की सियासत में भूकंप

पूर्व सीएम राबड़ी देवी ने कहा कि मैंने उनका विरोध किया, क्योंकि हमें नीतीश पर अब भरोसा नहीं है, मैंने ही पीके को अपने घर से बाहर जाने को कहा।

New Delhi, Apr 13 : बिहार के पूर्व सीएम और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की पत्नी राबड़ी देवी ने बड़ा दावा किया है, उन्होने कहा कि नीतीश प्रधानमंत्री बनना चाहते थे, इसलिये उन्होने लालू प्रसाद से बड़ी डील करनी चाही थी, पूर्व सीएम के दावे के मुताबिक नीतीश ने राजद और जदयू के विलय का प्रस्ताव दिया था, राबड़ी देवी ने कहा कि नीतीश चाहते थे कि लालू यादव इस बात का ऐलान करें, नीतीश हमारे प्रधानमंत्री उम्मीदवार हैं, इस प्रस्ताव को लेकर नीतीश के दूत बनकर प्रशांत किशोर लालू जी के पास आये थे।

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तीन बार प्रशांत किशोर प्रस्ताव लेकर आये
बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी ने कहा कि नीतीश की ओर से प्रस्ताव लेकर प्रशांत किशोर 10 सर्कुलर मार्ग स्थित उनके आवास पर 3 बार पहुंचे थे, इसके साथ तेजस्वी के सरकारी बंगले 5 देशरत्न मार्ग पर भी वो दो बार आये, प्रशांत लालू जी को समझा रहे थे कि उन्हें नीतीश जी ने भेजा है, लोकसभा का चुनाव होने वाला है, आप पीएम उम्मीदवार की घोषणा कर दीजिए, पार्टी का विलय कर लीजिए, लेकिन हमने इस पर सहमति नहीं दी, और उनसे कहा कि यहां से जाइयेगा कि नहीं।

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पलटूराम झूठ बोल रहे हैं
राबड़ी देवी ने नीतीश पर निशाना साधते हुए कहा कि पलटूराम फिर पलट गये, अब झूठ बोल रहे हैं, जबकि हमारे सामने ही सारी बात हुई थी, उन्होने दावा करते हुए कहा कि सारे स्टाफ और सुरक्षाकर्मियों ने भी उन्हें देखा था, पूर्व सीएम ने कहा कि मेरे सामने ही प्रशांत किशोर ने लालू जी से कहा था कि आप दोनों एक बार फिर से मिल जाइये, नतीजा हमारे पक्ष में रहेगा।

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नीतीश पर भरोसा नहीं
पूर्व सीएम ने कहा कि मैंने उनका विरोध किया, क्योंकि हमें नीतीश पर अब भरोसा नहीं है, मैंने ही पीके को अपने घर से बाहर जाने को कहा, राबड़ी देवी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि पीके झूठ बोल रहे हैं, उन्होने लालू-नीतीश को एक साथ लाने की भरपूर कोशिश की, लेकिन हम लोगों के विरोध की वजह से लालू जी नहीं माने।

पीके ने कहा था मुंह खोला तो शर्मिंदा होंगे
मालूम हो कि लालू ने अपनी बायोग्राफी गोपालगंज टू रायसीना- माई पॉलिटिकल जर्नी में दावा किया है कि नीतीश ने दोबारा महागठबंधन में लौटने की कोशिश की थी, इसलिये उन्होने पीके को दूत बनाकर भेजा था, हालांकि लालू के इस दावे के बाद प्रशांत किशोर ने सिरे से खारिज करते हुए कहा था कि वो जदयू में शामिल होने के बाद लालू जी से मिले थे, लेकिन अगर वो मुंह खोल दें, कि इस मुलाकात में क्या बात हुई, तो राजद सुप्रीमो शर्मिंदा हो जाएंगे।