काम आई मोदी की मालदीव से दोस्‍ती, चीन को बड़ा झटका देकर मालदीव ने यूं किया भारत को सुरक्षित

दरअसल मालदीव में चीन ने भारी निवेश किया हुआ है । आपको बता दें मालदीव दुनिया की सबसे व्यस्ततम शिपिंग लेन्स में से एक के नजदीक है, और इसे प्रभाव में लेने के लिए भारत ही नहीं चीन के बीच भी खासी होड़ देखने को मिलती है।

New Delhi, Apr 19 : द्वीपीय देश मालदीव से प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की करीबियां रंग लाई हैं । मालदीव ने एक 4 साल पुराना कानून रद्द कर भारत के तटों को चीन की टेढ़ी नजर से बचा लिया है । इस कानून को रद्द करके मालदीव ने चीन को बड़ा झटका दिया है । इस फैसले के बाद चीन की भारत के वर्चस्व वाले हिंद महासागर में दखलंदाजी की कोशिशें पूरी तरह से नाकाम हो गई हैं । कानून अगर मुकममल रहता और चीन मालदीव में जमीन खरीदने में कामयाब हो जाता, तो उसके लिए भारतीय नौ सेना की कार्यप्रणाली पर नजर रखने में आसानी होती ।

Advertisement

मालदीव ने 4 साल पुराना कानून रद्द किया
दरअसल मालदीव सरकार ने हाल में अपने क्षेत्र में नुकसान की चिंताओं को जाहिर करते हुए देशकी संसद द्वारा 2015 में पारित उस कानून को रद्द कर दिया जिसमें विदेशियों द्वारा संपत्ति खरीदने की बात कही गई थी । दरअसल मालदीव में चीन ने भारी निवेश किया हुआ है । आपको बता दें मालदीव दुनिया की सबसे व्यस्ततम शिपिंग लेन्स में से एक के नजदीक है, और इसे प्रभाव में लेने के लिए भारत ही नहीं चीन के बीच भी खासी होड़ देखने को मिलती है।

Advertisement

मालदीव में चीन नहीं खरीद सकता जमीन
चीन ने पिछली सरकार के दौरान मालदीव के आधारभूत ढांचे पर अच्‍छा खासा निवेश किया है । जिसके पीछे उसकी मंशा निश्‍चय ही भारत की मालदीव पर पकड़ कमजोर करना थी । साल 2015 में पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन की सरकार ने मालदीव के भूमि स्वामित्व कानून में बड़ा बदलाव करते हुए 1 अरब डॉलर यानी 7 हजार करोड़ रुपए के निवेश के इच्छुक विदेशी देश को यहां जमीन खरीदने की इजाजत दे दी थी । हालांकि कानून बनने के बाद भी बीते 4 साल में किसी विदेशी ने वहां पर निवेश नहीं किया ।

Advertisement

सैन्य इस्तेमाल कर सकता था चीन
चीन का समर्थन करने वाले यामीन के इस फैसले के बाद से ही विदेशी शक्तियों द्वारा देश की जमीन सैन्य उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल की आशंकाएं पैदा हो गई थीं । हालांकि पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने बीते चाल चुनाव प्रचार के दौरान वादा किया था कि वो इस कानून को हटा देंगे । वर्तमान राष्ट्रपति के प्रवक्ता इब्राहिम हुड ने बुधवार को जानकारी देते हुए कहा, ‘जमीन मालदीव के सबसे मूल्यवान स्रोतों में से एक है और यह काफी सीमित हैं। कुदरती तौर पर यह हमारी पहचान से भी जुड़ा हुआ है। किसी अन्य कमोडिटी की तरह अपनी पहचान को बेचना खासा मुश्किल है।’ हुड ने कहा, ‘राष्ट्रपति इस जुड़ाव और इससे संबंधित भावनाओं को समझते हैं।’