Opinion – राजनीति की रणनीतियों में अब भी नरेंद्र मोदी का कोई तोड़ नहीं

नरेंद्र मोदी ने IT सेल का ट्रेंड शुरू किया और तब जब कांग्रेस के लोग सोशल मीडिया का मज़ाक बनाते थे।

New Delhi, Apr 25 : राजनीति की रणनीतियों में अब भी नरेंद्र मोदी का कोई तोड़ नहीं. जो लोग पॉलिटिक्स में दिलचस्पी नहीं लेते, वो अक्षय कुमार की वजह से इस इंटर्व्यू को देखेंगे. इंटर्व्यू का मक़सद मोदी को एक प्यारा इंसान दिखाने की कोशिश है. जिन लोगों को नहीं समझ आता कि किसको क्यों वोट देना है और क्यों नहीं देना है, उनके लिए ये इंटर्व्यू किया गया. अगर मोदी आज कहीं रैली कर रहे होते तो क्या ही नया बोल लेते लेकिन इस इंटर्व्यू से उन्होंने अपना आम प्रेम ज़ाहिर किया. आम नेहरु और जिन्ना को भी काफ़ी पसंद थे.

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ये रणनीतियाँ और दूरदर्शिता आज के युवा नेताओं के पास भी नहीं है जबकि युवाओं से नया तो अपेक्षित होता ही है. नरेंद्र मोदी ने IT सेल का ट्रेंड शुरू किया और तब जब कांग्रेस के लोग सोशल मीडिया का मज़ाक बनाते थे. आज बीजेपी का IT सेल देश के मुद्दों पर नेरेटिव बनाने में अपना वर्चस्व रखता है. नरेंद्र मोदी वो सब नहीं कर पाए हैं जिसके नाम पर उन्होंने पिछले चुनावों में वोट माँगे थे.

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लेकिन फिर भी वो इस भ्रम को क़ायम रखने में कामयाब हुए हैं कि उन्होंने सब काम किये. अगर 5 साल उन सब कामों को पूरा करने के लिए काफ़ी नहीं हैं तो वो दोबारा भी उन सब कामों के लिए वक़्त माँग सकते थे लेकिन उनके भाषणों और घोषणापत्र में उनका ज़िक्र नहीं है. उन्होंने उस पर वोट माँगा जो किसी भी देश की सरकार को करना ही पड़ेगा. वो पुलवामा, नगरोटा, उड़ी, अनंतनाग, अमरनाथ, पठानकोट जैसे हमलों के नुक़सान को भी भुलवा पाने में सफल रहे हैं.

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वक़्त बदलता है, पार्टी के चेहरे बदलते हैं, लोगों की अपेक्षाएँ बदलती हैं. इसके साथ ही राजनीति में लड़ने के हथियार भी बदलते हैं और तरीक़े भी. नतीजों का तो मुझे नहीं पता लेकिन रणनीति में मोदी काफ़ी आगे निकल चुके हैं.

 (वरिष्ठ पत्रकार सर्वप्रिया सांगवान के फेसबुक वॉल से साभार, ये लेखक के निजी विचार हैं)