कभी टीम इंडिया के लिये खेला था विश्वकप, अब इस देश के क्रिकेट टीम  के बनें कप्तान

सौरभ यूएस पढाई के लिये गये थे, वहां उन्होने यूनिवर्सिटी में ही क्रिकेट खेलना शुरु कर दिया, कई क्लब मैचों में खेला।

New Delhi, Apr 28 : मुंबई की ओर से रणजी ट्रॉफी खेल चुके और अंडर-19 टीम का हिस्सा रहे सौरभ जब पढाई के लिये मुंबई छोड़ न्यूयॉर्क गये थे, तो अपने साथ ना तो वो क्रिकेट किट लेकर गये हैं, और ना ही उन्हें मालूम था, कि उनके किस्मत में कुछ और ही लिखा है, हालांकि जल्द ही उनकी जिंदगी में बड़ा बदलाव आया, ऐसा बदलाव आया, जिसे शायद ही वो कभी भूल पाएंगे।

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यूएस में नौकरी
सौरभ यूएस पढाई के लिये गये थे, वहां उन्होने यूनिवर्सिटी में ही क्रिकेट खेलना शुरु कर दिया, कई क्लब मैचों में खेला, फिर सैन फ्रांसिस्को में उन्हें ओरेकल कंपनी में नौकरी मिल गई, साल 2018 में आईसीसी द्वारा नियम में बदलाव के बाद सौरभ यूएसए की टीम की ओर से खेलने के लिये योग्य हो गये, दरअसल नियम के मुताबिक यूएसए की टीम से खेलने के लिये वहां तीन साल रहना अनिवार्य है।

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यूएसए टीम में एंट्री
जल्द ही सौरभ यूएसए की क्रिकेट टीम के कोच को अपने प्रदर्शन से खुश करने में सफल रहे, इसके साथ ही उन्हें यूएसए की टीम में एंट्री मिल गई, विश्व क्रिकेट लीग से पहले उन्होने दमदार प्रदर्शन किया, जिसकी वजह से उन्हें टीम की कमान सौंप दी गई। 24 अप्रैल को सौरभ की अगुवाई वाली यूएसए की टीम ने विश्व क्रिकेट लीग के दूसरे डिवीजन मुकाबले में हांगकांग को 84 रनों से धूल चटा दिया, इस जीत के साथ ही यूएसए आईसीसी की ओर से पहली बार क्रिकेट का दर्जा पाने में सफल रही।

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विश्वकप में हिस्सा
यूएसए की टीम अगले ढाई सालों में 36 अंतरराष्ट्रीय वनडे मुकाबला खेल सकती है, इसके साथ ही 2023 में होने वाले आईसीसी विश्वकप के क्वालिफिकेशन टूर्नामेंट में भी भाग ले सकती है। आपको बता दें कि 27 वर्षीय सौरभ बायें हाथ के तेज गेंदबाज है, वो 2010 में खेले गये आईसीसी अंडर 19 विश्वकप में भारतीय टीम का हिस्सा थे, हालांकि बाद में उन्होने पढाई के लिये क्रिकेट छोड़ दी थी।

अमेरिका नहीं ले गये थे क्रिकेट किट
यूएसए के कप्तान सौरभ नेत्रवलकर ने क्रिकेटर बनने का ख्याल छोड़ अमेरिका गये थे, उन्होने अपने सारे क्रिकेट किट घर पर ही छोड़ दिया था, उन्होने बताया कि जब पढाई के दौरान मैंने देखा कि यहां भी क्रिकेट खेली जाती है, तो मैंने शौकिया तौर पर खेलना शुरु किया था, मुझे पता नहीं था कि मैं टीम का कप्तान बन जाऊंगा।