घर में ही ‘अपमानित’ हो रहे हैं नवजोत सिंह सिद्धू, सनी देओल की वजह से मामला फंसा

ऐसे में सवाल ये उठ रहा है कि क्या नवजोत सिंह सिद्धू को जानबूझकर पंजाब से दूर रखा जा रहा है, अगर ऐसा है तो आखिर क्यों।

New Delhi, May 07 : कांग्रेस के फायर ब्रांड नेता और पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू लोकसभा चुनाव में व्यस्त हैं, हालांकि पंजाब से दूर हैं, जी हां, सही पकड़ा आपने, सिद्धू कांग्रेस के लिये पूरे देश में वोट मांग रहे हैं, चुनावी रैलियों को संबोधित कर रहे हैं, यहां तक कि पंजाब के पड़ोसी राज्य हरियाणा में भी रैली कर रहे हैं, लेकिन अपने ही प्रदेश पंजाब में 16 मई तक उनकी कोई रैली नहीं है, यानी अपने ही घर में सिद्धू प्रचार से दूर हैं। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर क्या वजह है कि सिद्धू को पंजाब से दूर रखा जा रहा है।

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पंजाब से दूर
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि पूरे घटनाक्रम से स्पष्ट है कि पंजाब में कांग्रेस की लीडरशिप सिद्धू को पसंद नहीं करती, उन्हें लगता है कि सिद्धू के आने से नुकसान होगा, इसलिये सिद्धू देश में कांग्रेस के लिये वोट मांग रहे हैं, लेकिन पंजाब से ही उन्हें दूर रखा गया है। माना जा रहा है कि सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के इशारे पर ऐसा हो रहा है, पुलवामा हमले के बाद भी दोनों बयानों के जरिये आमने-सामने थे।

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पंजाब में रैली नहीं
नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब की प्रभारी आशा कुमारी और सीएम कै. अमरिंदर सिंह पर निशाना साधा, उन्होने कहा कि दोनों वरिष्ठ नेता हैं, दोनों ने खुद कहा है कि वो मिशन-13 (पंजाब में लोकसभा की 13 सीटें है) को पूरा करेंगे, मुझे जो रोस्टर अहमद पटेल और प्रियंका गांधी जी के ऑफिस की ओर से दिया गया है, उसमें पंजाब में कोई जनसभा या रैली नहीं है।

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पंजाब से दूर रखा जा रहा
ऐसे में सवाल ये उठ रहा है कि क्या नवजोत सिंह सिद्धू को जानबूझकर पंजाब से दूर रखा जा रहा है, अगर ऐसा है तो आखिर क्यों, वो भी तब जब सनी देओल के गुरदारसपुर से उम्मीदवार बनने के बाद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ की सीट ही फंस गई है, सनी देओल गुरदासपुर में रोड शो और जनसभा कर लोगों से मिल रहे हैं, जिससे बीजेपी गदगद दिख रही है। लेकिन इसके बावजूद सिद्धू को दूर रखा जा रहा है।

पत्नी को भी नहीं मिला टिकट
आपको बता दें कि सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर ने चंडीगढ से टिकट मांगा था, पिछले कुछ दिनों से वो चंडीगढ में जनसंपर्क कर चुनाव लड़ने की बात भी कह रही थी, लेकिन कैप्टन के इशारे पर ना सिर्फ चंडीगढ बल्कि उन्हें टिकट ही नहीं दिया गया। इससे सिद्धू नाराज हो गये थे और कई दिनों तक लापता रहे थे, बाद में उनके बीमार होने की बात कही गई, कहा जा रहा है कि सिद्धू और पंजाब कांग्रेस के बीच जबरदस्त मतभेद है, इसी वजह से उनकी कोई बात नहीं सुनी जाती।