ना गाड़ी, ना बंगला, हेलीकॉप्टर के दौर में अनोखे तरीके से चुनाव प्रचार कर रहे पूर्व सांसद, विरोधी हैं परेशान

फिरंगी प्रसाद विशारद गोरखपुर के दक्षिणांचल के दोआबा गांव विशुनपुरा के रहने वाले हैं, साल 1969 में पहली बार झंगहा विधानसभा से वो भारतीय क्रांति दल के टिकट पर चुनाव जीत विधायक बने।

New Delhi, May 18 : हेलीकॉप्टर से प्रचार के दौर में लाखों-करोड़ों रुपये प्रचार के नाम पर फूंक देने वाले प्रत्याशियों के लिये 80 वर्षीय फिरंगी प्रसाद विशारद प्रेरणा के स्त्रोत हैं, जी हां, ये ऐसे माननीय है, जिनकी सादगी की खूब चर्चा होती है, इनकी सादगी से आम और खास में फर्क करना मुश्किल है, वो आज भी साइकिल से चलते हैं, साथ ही आम आदमी की तरह ऑटो रिक्शा में सफर करते हैं, उन्हें देखकर कोई अंदाजा भी नहीं लगा सकता, कि वो तीन बार विधायक और एक बार सांसद रह चुके हैं।

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तीन बार विधायक
आपको बता दें कि फिरंगी प्रसाद विशारद गोरखपुर के दक्षिणांचल के दोआबा गांव विशुनपुरा के रहने वाले हैं, साल 1969 में पहली बार झंगहा विधानसभा से वो भारतीय क्रांति दल के टिकट पर चुनाव जीत विधायक बने, तब चौधरी चरण सिंह उनके प्रचार के लिये गोरखपुर पहुंचे थे। फिरंगी प्रसाद 1974 में भारतीय लोकदल के टिकट पर मुंडेरा बाजार से चुनाव जीत दोबारा विधायक बने, 1975 में इमरजेंसी के दौरान वो गोरखपुर जेल में बंद रहे, फिर 1977 में जनता पार्टी के टिकट पर बांसगांव लोकसभा से चुनाव लड़े और सांसद बनें।

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महाराजगंज से भी लड़े चुनाव
साल 1977 से 80 तक सांसद रहे, तब मोरारजी देसाई पीएम और चौधरी चरण सिंह होम मिनिस्टर थे, 1980 विधानसभा चुनाव में दलित मजदूर पार्टी ने उन्हें महाराजगंज सीट से लड़वाया, वो फिर जीतकर तीसरी बार विधायक बने, इसके बाद 1989 में चुनाव चिन्ह ना मिलने के कारण निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरे, हालांकि कांग्रेस प्रत्याशी ने उन्हें बरा दिया, 1991 में दोबारा चुनाव लड़े, लेकिन इस बार बीजेपी के रायनारायण पासी ने हरा दिया।

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साइकिल से प्रचार
फिरंगी प्रसाद उस दौर में बीएड और एलएलबी डिग्री धारी थे, इसके साथ ही साहित्य और धर्म में विशारद हैं, फिरंगी प्रसाद जाति से धोबी हैं, तीन बार विधायक और सांसद रहने के बावजूद सादगी में जीते हैं, वो आज भी अपने क्षेत्र में साइकिल से वोट मांगने निकलते हैं, लोग उन्हें हाथों-हाथ लेते थे। इस बार उन्होने सपा-बसपा गठबंधन के लिये साइकिल से घूम-घूम कर प्रचार किया है, हालांकि आखिरी चरण का मतदान कल होना है, और चुनाव प्रचार बीती शाम ही थम चुकी है।