पश्चिम बंगाल में लहराया भगवा, BJP प्रभारी का बड़ा बयान-चुनाव से पहले ममता सरकार गिरनी तय

पश्चिम बंगाल में बीजेपी का नारा था – चुपेचाप कमल छाप ! ये नारा खुद तृणमूल कांग्रेस ने राज्‍य में 34 साल का वामपंथी शासन खत्म करने के लिए इस्तेमाल किया था। तब उनका नारा था – चुपेचाप फुले छाप

New Delhi, May 24 : पश्चिम बंगाल में बीजेपी ने बड़ी जीत दर्ज की है, ममता के गढ़ में अमित शाह सेंध लगाने में कामयाब रहे । इस जबर्दस्त सफलता के बाद से भाजपा के हौंसले बुलंदी पर हैं । बीजेपी की इस जीत ने बंगाल में काम कर रहे बीजेपी कार्यकर्ताओं को भी उत्‍साहित कर दिया है । जीत से उत्साहित बीजेपी प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने बयान दिया और कहा कि चुनाव से पहले ही ममता सरकार का गिरना तय है, पश्चिम बंगाल अब नई सरकार की तैयारी कर रहा है ।

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पश्चिम बंगाल में बड़ी जीत
लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने कई राज्‍यों में क्‍लीन स्‍वीप किया है  । अपने बलबूते ऐसीसीटें भी जीती हैं जहां विजय कठिन मानी जा रही थी । पश्चिम बंगाल, जिसे ममता का गढ़ कहा जाता है, ऐसे राज्‍य में भी बीजेपी 40 फीसदी वोट पाकर 18 सीटें जीतने में कामयाब रही है । साल 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी 18 फीसदी वोट के साथ महज 2 सीटें पाने में कामयाब रही थी ।

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बीजेपी के बंगाल प्रभारी का बड़ा बयान
2019 की इस महाविजय से उत्साहित पश्चिम बंगाल में बीजेपी के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है कि ममता सरकार अब अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाएगी । दरअसल खुद प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने चुनाव से पहले प्रचार के दौरान ही रैली में कहा था –  दीदी, आपके 40 विधायक हमारे संपर्क में हैं । अब बीजेपी प्रभारी ने भी एक तरह से उसी बात को दोहराया है । पश्चिम बंगाल में चुनाव के दौरान भारी हिंसा का माहौल रहा, राज्‍य में बीजेपी कार्यकर्ताओं के साथ भी कई घटनाओं को अंजाम दिया गया ।

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काम कर गया बीजेपी का नारा
इस लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल में बीजेपी का नारा था – चुपेचाप कमल छाप ! ये नारा खुदतृणमूल कांग्रेस ने राज्‍य में 34 साल का वामपंथी शासन खत्म करने के लिए इस्तेमाल किया था। तब उनका नारा था – चुपेचाप फुले छाप । इसी नारे में थोड़ी सी फेरबदल कर बीजेपी ने इसका इस्‍तेमाल किया और तृणमूल कांग्रेस को तगड़ा झटका दे दिया । बीजेपी और टीएमसी के इस चुनावी संघर्ष का नुकसान वामदलों को भी हुआ, 2014 के मुकाबले वोट शेयर घटकर 22.96 फीसदी से 6.54 रह गया।