अमेठी ने छोड़ा राहुल गांधी का हाथ, तो गदगद स्मृति ईरानी ने कही बड़ी बात, हो रही खूब चर्चा

जीत मिलने के बाद स्मृति ईरानी ने ट्विटर पर लिखा, आपने विकास पर विश्वास जताया और कमल का फूल खिलाया, इसके लिये अमेठी का आभार।

New Delhi, May 24 : लोकसभा चुनाव 2019 की सबसे अप्रत्याशित परिणाम की बात की जाए, तो अमेठी का नाम जरुर आएगा, स्मृति ईरानी ने इस सीट से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को हराया है, आपको बता दें कि अमेठी गांधी परिवार का परंपरागत सीट मानी जाती थी, जीत मिलने के बाद केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने वोटरों को धन्यवाद कहा है, साथ ही इसे अमेठी के लिये नई सुबह बताया है।

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21 साल बड़ा उलटफेर
यूपी में कांग्रेस के गढ कहे जाने वाले अमेठी सीट पर 21 साल बाद बड़ा उलटफेर हुआ है, स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को 55,120 वोटों से हराया है, केन्द्रीय मंत्री स्मृति को 4,68,514 वोट मिले, तो राहुल गांधी को 4,13,394 वोट मिले हैं, इस लोकसभा क्षेत्र को कांग्रेस का अभेद्य दुर्ग के रुप में जाना जाता था।

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स्मृति का ट्वीट
जीत मिलने के बाद स्मृति ईरानी ने ट्विटर पर लिखा, आपने विकास पर विश्वास जताया और कमल का फूल खिलाया, इसके लिये अमेठी का आभार, अमेठी के लिये एक नई सुबह, एक नया संकल्प किया है, धन्यवदा अमेठी, शत शत नमन । आपको बता दें कि जीत की औपचारिक घोषणा से पहले ही बीती शाम राहुल गांधी ने उन्हें जीत की बधाई दे दी थी, और अमेठी का ख्याल रखने को कहा था।

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पहली बार जीती लोकसभा चुनाव
मालूम हो कि स्मृति ईरानी 2004 में चांदनी चौक से कपिल सिब्बल के खिलाफ पहली बार लड़ी थी, उन्हें हार का सामना करना पड़ा, फिर 2014 चुनाव में अचानक 15 दिन पहले उन्हें अमेठी से उम्मीदवार घोषित कर दिया गया, 15 दिन में ही उन्होने माहौल बनाकर लड़ने की भरपूर कोशिश की, हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा, लेकिन राहुल अब तक के सबसे छोटे अंतर से जीते थे, पिछले पांच साल से स्मृति लगातार अमेठी जाती रही, वहां लोगों से मिलती रही, जिसका फल इस बार उन्हें मिला, स्मृति पहली बार लोकसभा का चुनाव जीती हैं।

वायनाड से रिकॉर्ड जीत
आपको बता दें कि अमेठी में सपा-बसपा गठबंधन ने भी राहुल गांधी को समर्थन करते हुए अपना प्रत्याशी नहीं उतारा था, इसके बावजूद स्मृति उन्हें हराने में सफल रही, राहुल चौथी बार अमेठी से चुनाव मैदान में थे, अमेठी के अलावा इस लोकसभा चुनाव में वो वायनाड सीट से भी लड़ रहे थे, जहां रिकॉर्ड 8 लाख से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की ।