बीजेपी की जीत से परेशान गद्दारों की तलाश में जुटी ममता दीदी, वोट गणित कर रहा परेशान

ममता बनर्जी की पार्टी के मुताबिक सीपीएम का वोट बैंक बीजेपी में शिफ्ट हुआ , जिसकी वजह से पश्चिम बंगाल में बीजेपी का उदय हुआ है।

New Delhi, May 27 : लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद विपक्ष की नींद उड़ी हुई है, ममता बनर्जी मंथन कर रही है, आपको बता दें कि बंगाल में बीजेपी ने 18 सीटें हासिल की है, अगर विधानसभा से समझें, तो 129 विधानसभा क्षेत्रों में बीजेपी को लीड, अब ममता बनर्जी ने अपनी पार्टी के भीतर के गद्दारों की तलाश शुरु कर दी है, टीएमसी सूत्रों का दावा है कि बीजेपी 60 विधानसभा में मात्र 4 हजार वोटों के अंतर से पीछे रही है, ये ममता के लिये ज्यादा चिंता की बात है, उन्होने इसे लेकर मंथन शुरु कर दिया है।

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बीजेपी को वोट दिलाने में मदद की
सीएम ममता बनर्जी ने अपने वरिष्ठ नेताओं को निर्देश दिया है कि ब्लॉक स्तर के ऐसे नेताओं को चिन्हित करें, जिन्होने सीपीएम से बीजेपी को वोट ट्रांसफर करने में मदद की है, टीएमसी के आंकलन से ये बात सामने आई है, कि टीएमसी को जंगमहल और नॉर्थ बंगाल में गरीबों के वोट नहीं मिले, इस इलाके में आदिवासी ज्यादा रहते हैं।

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सरकारी परिवार भी नाराज
टीएमसी के एक वरिष्ठ नेता ने नाम नहीं लिखने की शर्त पर बताया कि पार्टी शहरी और अर्धशहरी इलाकों में अपना समर्थन बेस बनाये रखने में तो कामयाब रही, लेकिन हमें करीब 70 लाख सरकारी कर्मचारियों और उनके परिवार का वोट नहीं मिला, क्योंकि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को प्रदेश में लागू नहीं किया गया था, नाराज ममता बनर्जी ने कहा कि अब पार्टी ज्यादा फोकस करेगी, और हर जिले में प्रशासनिक बैठक करेगी।

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सीपीएम का वोट शिफ्ट
ममता की पार्टी के मुताबिक सीपीएम का वोट बैंक बीजेपी में शिफ्ट हुआ , जिसकी वजह से पश्चिम बंगाल में बीजेपी का उदय हुआ है, मालूम हो कि इस लोकसभा चुनाव में बंगाल में सीपीएम का खाता भी नहीं खुला, तो पिछले चुनाव में सिर्फ दो सीट हासिल करने वाली बीजेपी 18 सीटों पर पहुंच गई, पश्चिम बंगाल में 2021 में विधानसभा चुनाव होने हैं, लोकसभा चुनाव परिणाम देखकर ये साफ कहा जा सकता है कि अब बंगाल में टीएमसी और बीजेपी के बीच ही मुकाबला होगा, कांग्रेस और सीपीएम खेल से बाहर हो चुकी है।