ममता बनर्जी के वोटबैंक में सेंध लगाने के बाद पार्टी पर सर्जिकल स्ट्राइक, टीएमसी में खलबली
2017 में ममता का कुनबा छोड़ बीजेपी में शामिल होने वाले मुकुल रॉय के बेटे शुभ्रांशु समेत कुल तीन विधायक बीजेपी में शामिल हुए हैं।
New Delhi, May 29 : पश्चिम बंगाल में बीजेपी का ग्राफ तेजी से बढ रहा है, लोकसभा चुनाव में पार्टी ने 18 सीटों पर जीत हासिल की, अब इसके बाद टीएमसी को एक और करारा झटका दिया है, बंगाल की सत्ताधारी पार्टी के 2 विधायक और करीब चार दर्जन से ज्यादा पार्षद बीजेपी में शामिल हो गये हैं, दिल्ली में इन नेताओं ने बीजेपी की सदस्यता हासिल की, बीजेपी के इस दांव के बाद ममता बनर्जी के खेमे में खलबली है।
तीन विधायक बीजेपी में शामिल
आपको बता दें कि 2017 में ममता का कुनबा छोड़ बीजेपी में शामिल होने वाले मुकुल रॉय के बेटे शुभ्रांशु समेत कुल तीन विधायक बीजेपी में शामिल हुए हैं, शुभ्रांशु राय बीजपुर से टीएमसी विधायक थे, इसके साथ ही विष्णुपुर से टीएमसी विधायक तुषार कांति भट्टाचार्य और हेमताबाद से सीपीएम विधायक देवेन्द्र रॉय ने भी बीजेपी की सदस्यता हासिल की है।
ममता को चुनौती
तीन विधायकों के बीजेपी में शामिल होने से सीपीएम और टीएमसी के खेमे में तनाव और भड़क सकता है, लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने पश्चिम बंगाल में शानदार प्रदर्शन किया, जिसके बाद से टीएमसी और सीपीएम आक्रामक मूड में दिख रही है, कभी ममता बनर्जी के खासमखास रहे मुकुल रॉय इन दिनों पश्चिम बंगाल में कमल की जड़ें बिठाने में लगे हुए हैं, वो अपने करीबियों को टीएमसी से निकाल कर बीजेपी में ला रहे हैं।
बेटे को टीएमसी ने निकाल दिया था
आपको बता दें कि मुकुल रॉय 2017 में ममता का साथ छोड़ बीजेपी में आ गये, उनके बेटे शुभ्रांशु भी बीजपुर सीट से विधायक हैं, उन्हें ममता बनर्जी ने पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोप लगाकर बाहर का रास्ता दिखा दिया था, उसके बाद से ही वो बीजेपी के लिये काम कर रहे थे, अब उन्होने आधिकारिक रुप से बीजेपी का दामन थाम लिया।
तीन नगरपालिकाओं पर बीजेपी का कब्जा
तीन विधायकों के साथ ही काचरापारा म्युनिसिपल कॉरपोशन के 17 पार्षद ने भी बीजेपी की सदस्यता ली, जिसमें चेयरमैन और वाइस चेयरमैन भी शामिल है, कुल 26 पार्षदों वाले इस सदन में 17 सदस्यों के बीजेपी में आने से यहां सत्ता में बीजेपी आ गई है, इसके अलावा दो अन्य म्युनिसिपलिटी पर बीजेपी ने कब्जा जमा लिया है, तीनों म्युनिसिपलिटी के करीब 50 पार्षद शामिल हुए हैं।