कश्मीर को लेकर अमित शाह पर हमलावर हुईं महबूबा मुफ्ती, सांसद गौतम गंभीर ने कर दी बोलती बंद
गृह मंत्री अमित शाह पर समस्या के त्वरित हल के लिए ‘‘बर्बर बल” का सहारा लेने का आरोप लगाया था और कहा था कि ऐसा कदम बेतुकी भरी नासमझी होगी ।
New Delhi, Jun 04 : अमित शाह के गृह मंत्रालय संभालते ही कश्मीर तक हलचल साफ नजर आ रही है । पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने अमित शाह के कामकाज संभालते ही उन पर हमला शुरू कर दिया । मुफ्ती ने अपने ट्विटर अकाउंट से एक ट्वीट किया और कश्मीर समस्या को लेकर नए बने गृह मंत्री अमित शाह के रवैये पर सवाल उठाए । इस ट्वीट का जवाब शाह की ओर से तो नहीं लेकिन नए बने सांसद गौतम गंभीर की ओर से जरूर सामने आया ।
गौतम गंभीर का ट्वीट
पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कश्मीर मुद्दे को लेकर सोमवार को एक ट्वीट किया । उन्होने इसेराजनीतिक मसला बताते हुए पाकिस्तान को भी इसे सुलझाने के लिए एक पक्षकार बताया । मुफ्ती ने अमित शाह के उठाए कदम को नौसीखिया करार दिया । मुफ्ती के इस ट्वीट पर गौतम गंभीर ने जवाब दिया है । गंभीर ने लिखा – ”हालांकि हम सभी कश्मीर समस्या के समाधान के लिए बात कर रहे हैं, लेकिन महबूबा मुफ्ती के लिए अमित शाह की प्रक्रिया को ‘क्रूर’ कहना ‘हास्यास्पद’ है. इतिहास हमारे धैर्य और धीरज का गवाह रहा है. लेकिन अगर उत्पीड़न मेरे लोगों के लिए सुरक्षा सुनिश्चित करता है, तो ऐसा ही हो.”
मुफ्ती का ट्वीट
महबूबा मुफ्ती ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर समस्या के त्वरित हल के लिए ‘‘बर्बर बल” का सहारा लेने का आरोप लगाया था और कहा था कि ऐसा कदम बेतुकी भरी नासमझी होगी । मुफ्ती ने ट्वीट किया था – ‘‘1947 से विभिन्न सरकारें कश्मीर को सुरक्षा के नजरिए से देखती रही हैं । यह एक राजनीतिक समस्या है और पाकिस्तान सहित सभी पक्षों को शामिल करते हुए इसके राजनीतिक हल की जरूरत है । नव नियुक्त गृह मंत्री द्वारा क्रूर बल के माध्यम से एक त्वरित समाधान प्राप्त करना हास्यास्पद है ।“
अमित शाह के सख्त तेवर
दरअसल ये बयान तब सामने आए जब सोमवार को गृह मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में देश की आंतरिक सुरक्षा स्थिति का जायजा लेते हुए अधिकारियों से बैठक की । शाह को कश्मीर समस्या और इसके पहलुओं से अवगत कराया गया । अमित शाह ने सोमवार को ही सुरक्षा बलों को साफ निर्देष दे दिए थे कि वे किसी भी तरह की आलोचना में ना आएं, और जीरो टॉलरेंस की नीति जारी रखें । गृह मंत्रालय की ओर से कहा गया कि यह नीति परिणाम देने वाली है । आपको बता दें इस साल के शुरुआती पांच महीनों में ही जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों ने 101 आतंकवादियों को मार गिराया है ।
While I am all for a talk-based solution to Kashmir problem but for @mehboobamufti to term Shri @AmitShah’s process as “brute” is “ridiculously naive”. History has been witness to our patience and endurance. But if oppression ensures security for my people, then so be it.
— Gautam Gambhir (@GautamGambhir) June 3, 2019
Since 1947, Kashmir’s been looked through the prism of security by successive governments. It’s a political problem that needs a political redressal by involving all stakeholders inc Pak.Expecting a quick fix through brute force by newly appointed HM is ridiculously naive
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) June 3, 2019