फिर हुई निपाह वायरस की दस्‍तक, केरल में मची खलबली, डॉक्‍टरों ने की पुष्टि, आप ऐसे बचें

केरल में निपाह वायरस ने फिर से दस्‍तक दी है । पिछले साल इस जानलेवा वायरस ने 17 जानें ली थी । राज्य की स्वास्थ्य मंत्री के के शैलजा ने इस बारे में जानकारी दी ।

New Delhi, Jun 04 : केरल में निपाह वायरस एक बार फिर से सक्रिय हो गया है । राज्‍य के कोच्चि शहर में 23 साल के एक कॉलेज स्‍टूडेंट के इस जानलेवा वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है । स्वास्थ्य मंत्री के शैलजा ने इस बारे में जानकारी दी । उन्होंने बकायदा प्रेस कॉन्‍फ्रेस की, जानकारी दी कि छात्र के रक्‍त के नमूने पुणे स्थित राष्‍ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान में भेजे गए थे, जिसमें निपाह वायरस की पुष्टि हुई है । स्वास्थ्य मंत्री के शैलजा ने बताया कि छात्र को निगरानी में रखा गया है ।

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क्या है निपाह वायरस ?
डब्लूएचओ के मुताबिक, निपाह वायरस चमगादड़ से फलों में और फलों से इंसानों और जानवरोंपर आक्रमण करता है। 1998 में पहली बार मलेशिया के कांपुंग सुंगई निपाह में इसके मामले सामने आए थे। इसीलिए इसे निपाह वायरस नाम दिया गया। पहले इसका असर सुअरों में देखा गया। 2004 में यह बांग्लादेश में इस वायरस के प्रकोप के मामले सामने आए थे। बताया जा रहा है कि केरल में यह पहली बार फैला है।

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वायरस से इनफेक्‍ट हों तो ये होता है
इस वायरस से पीडि़त व्‍यक्ति को सांस लेने में दिक्‍कत आती है, दिमाग में बहुत जलन महसूस होती है । इसके बाद व्‍याक्ति तेज बुखार की चपेट में आ जाता है । वक्त पर इलाज न मिले तो व्‍यक्ति की मौत हो सकती है । फिल्‍हाल इस वायरस से बचने का कोई खास तरीका नही हैं । इससे प्रभावित शख्स को आईसीयू में रखा जाता है, जहां उस पर पूरी निगरानी रखी जाती है ।

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पेड़ से गिरे फलों को न खाएं
बीमारी से बचाव का एक तरीका जो अब तक सामने आया है वो यही है कि इस बीमारी से बचने केलिए फलों, खासकर खजूर खाने से बचना चाहिए । पेड़ से गिरे हुए फल बिलकलु ना खाएं, ये निपाह वायरस से संक्रमित हो सकते हैं । इसके अलावा बीमार सुअर और दूसरे जानवरों से दूरी बनाए रखनी चाहिए। 20 साल पहले ये बीमारी खजूर की खेती करने वालों में ही देखी गई थी ।