कठुआ मामले में 18 महीने बाद मिला न्‍याय, मासूम बच्‍ची के साथ हुई हैवानियत अब भी सिहरन पैदा करती है

पठानकोट अदालत ने पूरे देश को हिलाकर रख देने वाले कठुआ सामूहिक बलात्कार के मामले में 6 को दोषी करार दिया है जबकि एक आरोपी को बरी कर दिया गया है ।

New Delhi, Jun 10 : कठुआ मामले में पठानकोट अदालत का फैसला आ गया है । कोर्ट ने इस हैवानियत के मास्टर माइंड सांजी राम, आनंद दत्ता, प्रवेश कुमार, तिलक राज, दीपक, सुरेंद्र को दोषी करार दिया है, जबकि एक आरोपी विशाल को बरी कर दिया गया है । इस घटना ने पिछले साल पूरे देश को हिलाकर रख दिया था, आज भी उस मासूम बच्‍ची के साथ हुई हैवानियत सिहरन पैदा करती है । 3 दिन तक 8 लोगों ने लगातार उसे अपनी हवस का शिकार बनाया, और जब वो ये जुल्‍म ना सहन कर सकी तो उसे बुरी तरह कुचलकर फेंक दिया गया ।

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जनवरी का है मामला
जम्मू कश्‍मीर के कठुआ में पिछले साल 10 जनवरी को 8 साल की मासूम बच्ची को अगवा कर लिया गया था । इसके बाद उसे 3 दिन तक एक मंदिर में बंधक बनाकर रखा गया । एक पुलिसकर्मी समेत 8 लोगों ने उसे अपनी हवस का शिकार बनाया । बच्‍ची की फेारेंसिक लैब रिपोर्ट के मुताबिक उसे भांग और नशीली दवाओं का ओवरडोज देकर बेहोश रखा गया था । इस घटना के सामने आने के बाद देशभर के एक्टिवस्‍ट सामने आए और पीडि़त के लिए न्‍याय की मांग की ।

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बच्‍ची के साथ हुई जुल्‍मों की इंतहा
मासूम बच्‍ची की 13 जनवरी को गला घोंटकर हत्या कर दी गई थी । वहीं 16 जनवरी को उसका शव, सिर से कुचलकर इलाके में ही फेंक दिया गया था । 3 दिन तक अत्‍याचार सहने वाली मासूम मदद के लिए चीख पुकार तक नहीं मचा सकी, क्योंकि उसे भांग खिला दी गई थी । वो दवाएं जिसे देने का डॉक्‍टर तक परामर्श नहीं देते एक दिन में 8-8 गोलियों की डोज उसे दे दी गई । बच्‍ची के माता – पिता उसे खोजते हुए मंदिर के पास भी गए लेकिन आरोपियों ने उन्‍हें सच की भनक तक नहीं लगने दी । बच्‍ची को मारने के तीन दिन बाद तक शव मंदिर में ही छुपाकर रखा गया । 16 जनवरी को उसे बाहर फेंक दिया गया ।

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इंसानियत को शर्मसार करता मामला
पूरी घटना का मास्टर माइंड 62 वर्षीय सांजी राम है, जो राजस्व विभाग का रिटायर्ड अधिकारी था । रासना गांव में मंदिर के सेवादार सांझी राम ने इलाके से बकरवाल समुदाय को हटाने के लिए उसी समुदाय की एक बच्‍ची से गैंगरेप की साजिश रची और उसे हैवानियत से अंजाम दिया । घटना में मास्टरमाइंड सांझी राम समेत कुल आठ लोग गिरफ्तार किए गए थे । आज इस बलात्‍कार और हत्‍याकांड में 6 हैवानों को दोषी करार दिया गया है । 18 महीने बाद मिले इस इंसाफ के बाद शायद ही परिवार राहत महसूस कर रहा हो । कोर्ट दोषियों को सजा ए मौत की सजा भी सुना सकती है ।