कैलाश विजयवर्गीय ने दिग्गी राजा को लेकर किया बड़ा दावा, एमपी की सियासत में आ सकता है भूचाल

रैली के दौरान बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने बड़ी बात कही, उन्होने दावा किया कि पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह और सुरेश पचौरी एमपी में सरकार गिराने के लिये उन्हें बुला रहे थे।

New Delhi, Jun 12 : भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और पश्चिम बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने इंदौर में अपनी ताकत का प्रदर्शन किया, उन्होने बीजेपी के सभी गुटों को किनारे करते हुए किसान आक्रोश रैली के नाम से शक्ति प्रदर्शन किया। इस रैली में विजयवर्गीय ने प्रदेश सरकार को खुली चेतावनी दी, उन्होने कहा कि अगर लोगों से किये वादे पूरे नहीं किये, तो ऐसी हालत कर देंगे, कि सीएम कमलनाथ सड़क पर बाहर नहीं निकल पाएंगे।

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बेटे के लिये बड़े नेताओं को लगाया ठिकाने
किसान आक्रोश रैली में कैलाश विजयवर्गीय ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि एमपी के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपनों को ही डस लिया, सबको खत्म कर अपने बेटे नकुलनाथ को आगे कर दिया, उन्होने दिग्विजय सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया, अजय सिंह और सुरेश पचौरी को लोकसभा चुनाव में निपटा दिया। अब वो कांग्रेस को बड़े नेताओं को पीछे कर अपने बेटे को मध्य प्रदेश का नेता बनाना चाहते हैं। यही वजह है कि वो बेटे के साथ पीएम मोदी से मिलने गये थे।

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किसान परेशान है
कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि कांग्रेस की सरकार में प्रदेश के किसान परेशान हैं, उनका आक्रोश सड़कों पर नजर आ रहा है, लेकिन सीएम कमलनाथ को इन बातों से कोई मतलब नहीं है। बीजेपी महासचिव के बयान के बाद कांग्रेस ने भी उन पर पलटवार किया, सरकार की ओर से मोर्चा जीतू पटवारी ने संभाला।

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दिग्विजय पर आरोप
रैली के दौरान बीजेपी नेता ने बड़ी बात कही, उन्होने दावा किया कि पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह और सुरेश पचौरी एमपी में सरकार गिराने के लिये उन्हें बुला रहे थे, विजयवर्गीय के मुताबिक कांग्रेस के ही कुछ नेता कमलनाथ सरकार को गिराने की कोशिश कर रहे हैं, विजयवर्गीय का ये बयान प्रदेश की सियासत में भूचाल ला सकता है।

पटवारी का पलटवार
ट्रैक्टर रैली के बाद उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कहा, कि कैलाश विजयवर्गीय भाषा की मर्यादा भूल रहे हैं, वो इंदौर की गरिमा को गिरा रहे हैं, जैसे-जैसे उनकी उम्र बढ रही है, वैसे-वैसे उनकी भाषा शैली और शब्दों का चयन भी छोटा होता जा रहा है, बीजेपी किसानों के नाम पर राजनीति कर रही है, असल लड़ाई तो बीजेपी के अंदर ही वर्चस्व की है, इसी वजह से सब शक्ति प्रदर्शन में लगे हुए हैं।