सूर्यास्त के समय और बाद में इन 5 कामों से कर लें तौबा, भूलकर भी ना करें
कुछ बातें हैं जिनका ख्याल रखना बेहद जरूरी है । धर्म शास्त्रों और बड़े बुजुर्गों ने सूर्यास्त के बाद कुछ काम ना करने की सलाह दी है । जानें क्यों ?
New Delhi, Jun 13 : हिंदू धर्म शास्त्रों में कई कार्यों का एक खास समय बताया गया है । कुछ काम ऐसे काम हैं जिन्हें कुछ समयों पर नहीं करना चाहिए । शास्त्रों में खाने पीने से लेकर सोने तक के नियम है, ऐसी बातें जो आपको जरूर ध्यान रखनी चाहिए । शास्त्र कहते हैं कि हर कार्य का अपना एक समय होता है, और वो उसी समय पर किया जाए तो ही अच्छा । नहीं तो उसके दुष्प्रभाव संभावी हैं, ऐसे प्रभाव जिनका जीवन में नुकसान उठाना पड़ सकता है । आगे जानें इन 5 कार्यों के बारे में ।
ना तोड़ें तुलसी के पत्ते
हिंदू धर्म शास्त्रों में तुलसी के पौधे को दिव्य पौधा माना गया है । इसकी देवी की तरह ही पूजा होती है । संध्याकाल में तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए और इस पर जल भी नहीं चढ़ाना चाहिए । शाम के समय तुलसी पर जल चढ़ाने को शुभ नहीं माना गया है । इसलिए ऐसा करने से बचें । अगर आपके आंगन में तुलसी का पौधा है तो संध्या काल के समय उसमें दीपक जरूर जलाएं ।
शाम के समय खाना ना खाएं
संध्या काल में भोजन करने से रोग और दरिद्रता घर कर लेती है, इसलिए ऐसे काम से बचें । शाम के समय कुछ भी खाना अवॉयड करें ।
साफ-सफाई ना करें
घर में झाड़ू लगाना साफ-सफाई रखना अच्छी बात है लेकिन झाड़ू लगाएं सिर्फ सुबह । शाम को घर में झाड़ू नहीं लगाना चाहिए । संध्याकाल में झाड़ू लगाने से घर में दरिद्रता का वास होता है और मां लक्ष्मी रूठ जाती हैं । अगर आपको झाड़ू लगाना ही पड़ जाए तो आप कूड़ा या धूल – मिट्टी घर के ही किसी कोने में इकठ्ठा कर लें । उसे बाहर ना फेंके । इसके पीछे तथ्य देखें तो ये उस वक्त कहा जाता था जब रात को रौशनी नहीं होती थी, कोई चीज अनजाने में झाड़ू के साथ बाहर ना चली जाए इसी से बचने के लिए ऐसा कहा जाता रहा होगा ।
शाम के समय करीबी नहीं
विवाहित जोड़ों को सलाह दी जाती है कि वो शाम के समय एक दूसरे के करीब ना जाएं । संबंध बनाने से शरीर की पवित्रता नष्ट हो जाती है, चूंकि ये समय भगवद् भक्ति का समय होता है इसलिए घर की पवित्रता बनाए रखें । शारीरिक संबंधों के लिए रात का समय ही सही माना गया है ।
सोना वर्जित है
संध्या काल में सोने वाला व्यक्ति महा आलसी कहलाता है । इस समय में सोने वाले व्यक्ति को ही नहीं अपितु पूरे घर को असाध्य रोगों से जूझना पड़ता है । ऐसे घर में रोगों का डेरा लग जाता है । नियमित रूप से संध्याकाल में सोने वाले लोगों को सफलता के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ता है । ऐसे घर में दरिद्रता का वास होता है जहां लोग संध्या काल (Sunset) में सोए रहते हैं ।